उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने एक नया आदेश जारी किया है, जिसके तहत अब परिचालकों को उनकी संबंधित बसों में यात्रा कर रहे यात्रियों के उम्र की जानकारी रखना भी अनिवार्य होगा। हालांकि यह सिर्फ एक सर्वे है जिसके तहत निगम ये पता करना चाहता है कि परिवहन निगम की बसों में औसतन कितने प्रतिशत वरिष्ठ नागरिक सफर करते हैं और उनके लिए क्या अन्य सुविधाएं बढ़ाई जा सकती हैं।
परिवहन निगम के नए आदेश के तहत जब कोई व्यक्ति परिवहन निगम की बस में यात्रा करेगा ,तो उससे परिचालक सिर्फ उम्र पूछेंगे। परिवहन निगम के मेरठ क्षेत्र के प्रबंधक केके शर्मा ने पीटीआई-भाषा को बताया कि, “प्रशासन के ताजा आदेशों का मकसद केवल यह जानना है कि यूपी परिवहन निगम की बसों में रोजाना यात्रा करने वाले सामान्य और वरिष्ठ नागरिकों की औसत संख्या कितनी है। ताकि उसके आधार पर वरिष्ठ नागरिकों के लिए जरूरी सुविधाएं बढ़ाई जा सकें।
केके शर्मा ने आगे बताया कि कुछ भी नया करने से पहले सर्वे कराना ही पड़ता है। उन्होंने यह भी बताया कि उम्र के प्रमाण के रूप में यात्रियों को कोई कागज नहीं दिखाना होगा, बल्कि वह मौखिक रूप से अपनी उम्र बताएंगे। यात्रियों द्वारा बताई गई उम्र परिचालक विवरण में दर्ज करेंगे।
हाल ही में मान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिए भी परिवहन निगम ने आदेश जारी किया था ,जिसके तहत सर्कुलर में कहा गया कि यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन की ओर से यह संज्ञान में लाया गया है कि मान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिए आरक्षित सीटों पर पहले से ही यात्री बैठे रहते हैं, जिसके कारण पत्रकारों को सफर करने में कठिनाई होती है। यूनियन की मांग थी कि आरक्षित सीटों को पत्रकारों के आने पर उन्हें दी जाए।
पत्रकारों की समस्या को लेकर परिवहन निगम ने अपने आदेश में कहा कि अगर पत्रकारों के लिए आरक्षित सीट पर कोई व्यक्ति बैठता है तो परिचालक यात्री को बैठाते समय सूचित कर दें कि यह सीट मान्यता प्राप्त पत्रकार के लिए आरक्षित है और उसके आने पर ये सीट छोड़नी होगी। बता दें कि यूपी परिवहन निगम देश के सबसे बड़े परिवहन निगमों में से एक है। इसमें करीब 60 हजार से अधिक कर्मचारी काम करते हैं।