Written by Jatin Anand

ईसाई समुदाय के बीच पैठ बनाने की कोशिश के बाद भाजपा रमजान के दौरान हज तीर्थयात्रियों के जरिए मुस्लिमों के एक बड़े वर्ग तक पहुंचने के लिए तैयारी कर रहा है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार द्वारा दिल्ली हज कमेटी के कार्यालय को भेजे नोटिस को “मुस्लिम विरोधी” करार देते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर प्रदर्शन कर भाजपा ने इसके लिए कदम बढ़ा दिया है। किराये के बकाये पर हज कमिटी को नोटिस भेजने के विरोध को भाजपा मुस्लिमों के बीच खुद को प्रोजेक्ट करने के एक मौके की तरह देख रहा है।

भाजपा ने AAP को बताया मुस्लिम विरोधी, सीएम आवास पर प्रदर्शन

नई दिल्ली में सीएम अरविंद केजरीवाल के आवास पर विरोध प्रदर्शन के दौरान भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के सदस्यों ने जमकर नारेबाजी की। आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा बकाया किराये को लेकर दिल्ली राज्य हज कमेटी को भेजे गए नोटिस के बाद भाजपा अपने प्रतिद्वंद्वियों से एक कदम आगे निकलते हुए राजनीतिक लाभ लेने के लिए पूरी तरह से तैयार हो गई। रमज़ान के बीच में हज कमिटी को ‘रद्दीकरण आदेश’ नोटिस के साथ हज मंजिल के लिए 1.31 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया मांगे जाने को भाजपा ने आप सरकार का “मुस्लिम विरोधी” कदम बताकर उसके खिलाफ एक अभियान शुरू किया है।

ईस्टर पर ईसाइयों की बीच पहुंचे थे पीएम मोदी

संयोग से आप सरकार की कार्रवाई तब हुई जब भाजपा एक अल्पसंख्यक समुदाय ईसाइयों के बीच आउटरीच अभियान में लगी थी। इस बार ईस्टर पर भाजपा नेताओं ने केरल के अलावा दिल्ली में भी ईसाई घरों का दौरा किया। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी खुद दिल्ली के ऐतिहासिक सेक्रेड हार्ट कैथेड्रल चर्च पहुंचे और कैंडल सेरेमनी में शामिल हुए। इस बीच आप सरकार ने हज पैनल विवाद के साथ “मुस्लिम मुद्दे” को छुआ तो भाजपा अचानक अल्पसंख्यक हितों वाली पार्टी के रूप में सामने आ गई।

पहली बार भाजपा नेता बनी दिल्ली स्टेट हज कमेटी की चेयरपर्सन

भाजपा के नेताओं ने स्वीकार किया कि मार्च के अंत में जब पहली बार दिल्ली हज समिति को नोटिस दिया गया था तो उनकी पहली प्रतिक्रिया घबराहट के रूप में थी। यहां तक ​​कि उन्होंने इसे आप सरकार द्वारा एक भाजपा नेता के प्रमुख के रूप में चुने जाने पर बदले की कार्रवाई के रूप में देखा। फरवरी में कौसर जहां तीन दशक में दिल्ली स्टेट हज कमेटी की चेयरपर्सन चुनी जाने वाली पहली बीजेपी नेता थीं। दरअसल, 2015 में सत्ता में आने के बाद हज पैनल पर कौसर जहां के जीतने तक आप का दबदबा बना रहा था।

24 घंटे के भीतर भाजपा ने बनाई रणनीति, शुरू किया अभियान

साल 2016 के बाद से हज पैनल को दिया गया यह छठा ‘कैंसिलेशन ऑर्डर’ था। राजधानी में भाजपा नेताओं के बीच लगातार फोन कॉल शुरू हो गए थे। इन आह्वानों के दौरान ही भाजपा ने पलटवार की रणनीति तय की। जाहिर है कि उसे आक्रामक होना ही था। 24 घंटों के भीतर भाजपा ने रमजान के पवित्र महीने के दौरान नोटिस के समय के आसपास अपने अभियान पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया था।

मुस्लिम बहुल इलाकों में आप और कांग्रेस पर भाजपा का निशाना

इसके बाद बीजेपी ने दरियागंज, जामिया नगर, ओखला, सीलमपुर और जाकिर नगर जैसे मुस्लिम बहुल इलाकों के बाजारों, मोहल्लों और मस्जिदों में उर्दू और हिंदी दोनों में संदेश वाले पोस्टर लगाए हैं। पोस्टर में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाया गया है कि हज मंजिल को हज कमेटी से छीन लिए जाने की कोशिश की जा रही है। एक नेता ने बताया कि उनके दो मकसद थे। पहला AAP को उसके दावों के उलट “मुस्लिम विरोधी” के रूप में पेश करना और इसमें कांग्रेस की “राजनीतिक भागीदारी” को भी दिखाना।

भाजपा का साथ देते दिख रहे हैं सितारे, पार्टी नेता का दावा

भाजपा के एक नेता ने कहा, “जहां के चुने जाने के बाद से हम हज समिति से संबंधित प्रशासनिक मुद्दों का सामना कर रहे हैं। आप के दो विधायक जो इसके सदस्य हैं वे बैठकों में नहीं आ रहे हैं और दिल्ली सरकार काफी करीब आ चुकी हज यात्रा की तैयारियों से संबंधित अनुरोधों को स्वीकार नहीं कर रही है।” दिल्ली भाजपा के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने कहा कि सितारे पार्टी के साथ तालमेल बिठाते दिख रहे हैं।

भाजपा को नहीं थी प्रदर्शन में इतनी भीड़ जुटने की उम्मीद

भाजपा नेता ने कहा, “भाजपा ने राज्य इकाई मुख्यालय में विचार-विमर्श किया और जल्द ही यह महसूस किया कि यह (नोटिस) आप द्वारा सबसे बड़ी राजनीतिक भूल थी।” हज पैनल को नोटिस को लेकर पार्टी द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन का हिस्सा रहे भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “पार्टी कार्यकर्ताओं को छोड़कर केजरीवाल के आवास के बाहर जुटी प्रदर्शन करने वालों की आधी संख्या की भी हमें उम्मीद नहीं थी। यह संख्या मुस्लिम समुदाय के बीच इस मुद्दे की गूंज को दिखाती है। ”