बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण का नामांकन पूरा हो चुका है। लेकिन महागठबंधन अभी तक अपनी सीट शेयरिंग फाइनल नहीं कर पाया है। यह भी तय नहीं हुआ है कि कौन सी पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
बताया जा रहा है कि राजद, कांग्रेस और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के बीच अब भी कई सीटों पर सहमति बननी बाकी है। फिलहाल यह सहमति बनती नहीं दिख रही। ऐसे में पहले चरण के लिए पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवार कई सीटों पर पहले ही घोषित कर दिए हैं।
इंडियन एक्सप्रेस को राजद के सूत्रों ने बताया है कि उनके वरिष्ठ नेता सुरेश पासवान कुटुंब सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। इसी सीट से कांग्रेस ने अपने बिहार प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम को उम्मीदवार बनाया है।
राजद नेताओं का कहना है कि 7 से 8 सीटों पर फ्रेंडली फाइट रहने वाली है। इनमें कुटुंब सीट भी शामिल है, जहां कांग्रेस ने पहले ही राजेश राम को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है।
इसी तरह राजद और कांग्रेस के बीच आमने-सामने की लड़ाई वैशाली और लालगंज सीट पर भी देखने को मिलेगी। वैशाली से कांग्रेस ने संजीव सिंह को उम्मीदवार बनाया है, जबकि राजद ने अभय कुशवाहा को टिकट दिया है। लालगंज सीट से कांग्रेस ने आदित्य राज को मैदान में उतारा है और राजद ने शिवानी सिंह को प्रत्याशी बनाया है।
कांग्रेस में सहमति नहीं बनने की वजह से पार्टी ने पहले ही 48 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया था। इसके अलावा कहल गांव, प्राणपुर, जले, चैनपुर और गया में भी अपने उम्मीदवार उतारे हैं। लेकिन राजद अब तक कहल गांव सीट को छोड़ने को तैयार नहीं है।
लेफ्ट पार्टी ने भी 14 सीटों पर अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। वहीं, मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) ने अभी तक अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। महागठबंधन में सीटों को लेकर उनकी नाराज़गी बनी हुई है। बताया जा रहा है कि वीआईपी को 14 सीटें ऑफर की गई हैं।
वीआईपी प्रवक्ता दीपज्योति ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, “हम 15 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। इनमें से 14 सीटें पहले ही तय हो चुकी हैं — आलमगढ़, गौड़ाम, दरभंगा, कुशेश्वरस्थान, औराई, बरूराज, केसरिया, निर्मली, कैथल, गोपालपुर, बिहीपुर और लौरिया।”
राजद ने अब तक अपने उम्मीदवारों की आधिकारिक सूची जारी नहीं की है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक 48 प्रत्याशियों को टिकट दिया जा चुका है। भोजपुरी गायक खेसारी लाल यादव को छपरा से उम्मीदवार बनाया गया है।
राजद सूत्रों के अनुसार तेजस्वी यादव राघोपुर से, ओसामा साहब रघुनाथपुर से, भाई वीरेंद्र मनेर से, बोगो सिंह मैथिली, रामबृक्ष सदा एलोई से, आलोक मेहता उजियारपुर से, ललित यादव दरभंगा से, मुकेश रोशन महुआ से, अवध बिहारी चौधरी सिवान से, शाहनवाज आलम जोकीहाट से और अख्तरुल इस्लाम समस्तीपुर से चुनाव लड़ सकते हैं। राजद की 48 प्रत्याशियों की सूची में 14 यादव और 6 मुस्लिम उम्मीदवार शामिल हैं।
सूत्रों के मुताबिक, राजद 130 से 135 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। कांग्रेस को करीब 60 सीटें मिलेंगी। वहीं, वीआईपी को 15 सीटें दिए जाने की संभावना है। लेफ्ट पार्टियों को 28 से 29 सीटें मिल सकती हैं। कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि कुछ सीटों पर फ्रेंडली फाइट देखने को मिल सकती है। एक ओर कांग्रेस और राजद के बीच सीटों को लेकर खींचतान चल रही है, तो दूसरी ओर मुकेश सहनी भी नाराज़ बताए जा रहे हैं।
खबर है कि वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी महागठबंधन से अलग होने पर विचार कर रहे थे। पटना में गुरुवार को उनकी बड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस होने वाली थी, लेकिन सीपीआई (एमएल) के दीपांकर भट्टाचार्य के हस्तक्षेप के बाद देर रात राहुल गांधी से उनकी बात हुई। मुकेश सहनी की शिकायत थी कि राजद से उनकी कोई सीधी बातचीत नहीं हो पा रही थी। बाद में राहुल गांधी ने उनसे संपर्क किया और उन्हें चिट्ठी लिखने की सलाह दी।
उस चिट्ठी में सहनी ने लिखा कि पहले वीआईपी को 35 सीटें देने का आश्वासन दिया गया था, जो बाद में घटकर 25 रह गया। अब 18 प्लस 2 सीटों का प्रस्ताव है। सहनी ने कहा, “यह केवल सीटों की बात नहीं है, बल्कि विचारधारा की बात है।”
ये भी पढ़ें- आखिर मैथिली ठाकुर क्यों हैं सबसे अलग?