नोएडा और ग्रेटर नोएडा में यातायात नियमों की अनदेखी गंभीर चिंता का विषय बनती जा रही है। सबसे बड़ी समस्या लाल बत्ती पार करने की बढ़ती प्रवृत्ति है, जिससे न सिर्फ खुद वाहन चालक खतरे में पड़ रहे हैं, बल्कि अन्य लोगों की जान भी जोखिम में डाल रहे हैं।

यातायात पुलिस से प्राप्त आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2025 के पहले सात महीनों में 76 हजार से लोगों ने लाल बत्ती तोड़ी। यह आंकड़ा 2024 में 70 हजार और 2023 में महज 37 हजार था। महज दो वर्षों में उल्लंघनों की संख्या दोगुनी से भी अधिक हो चुकी है, जो साफ तौर पर दर्शाता है कि लोग यातायात नियमों को लेकर लापरवाह और बेसब्र होते जा रहे हैं। स्थानीय लोगों और यातायात विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति कई कारणों से उत्पन्न हो रही है।

सड़क हादसों की संख्या में भी वृद्धि

सबसे बड़ा कारण है लोगों की जल्दबाजी और धैर्य की कमी। साथ ही, कई चौराहों पर यातायात पुलिस की गैर-मौजूदगी और सिग्नल व्यवस्था की खराबी भी इसका एक प्रमुख कारण है। जब लोगों को यह लगता है कि कोई देख नहीं रहा, तो वे नियम तोड़ने से नहीं हिचकते।

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हालांकि नोएडा यातायात पुलिस ने सख्ती बरतने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे कि चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाना और ई-चालान व्यवस्था को लागू करना। इसके बावजूद, नियम तोड़ने वालों की संख्या में कमी नहीं आ रही है। वहीं लालबत्ती तोड़ने के बढ़ते मामलों के साथ-साथ सड़क हादसों की संख्या में भी वृद्धि देखी जा रही है।

प्रशासन से सख्ती की मांग

ऐसे में यातायात पुलिस के लिए यह काफी चिंताजनक बात है। जानकारों का मानना है कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे तेजी से विकसित हो रहे शहरों में सड़क सुरक्षा एक बड़ी चुनौती है। अगर समय रहते इस पर काबू नहीं पाया गया, तो यह समस्या और गंभीर हो सकती है। प्रशासन, पुलिस और नागरिकों को मिलकर इस दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे, ताकि सड़कों पर अनुशासन और सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

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स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि यातायात नियमों का पालन कराने के लिए और सख्त कदम उठाए जाएं। नोएडा के सेक्टर-62 के निवासी राकेश शर्मा कहते हैं कि लाल बत्ती तोड़ने वालों को सिर्फ जुर्माना ही नहीं, बल्कि उनके लाइसेंस रद्द करने जैसे कदम उठाने चाहिए। वहीं, ग्रेटर नोएडा वेस्ट की रहने वाली प्रिया सिंह ने कहा कि चौराहों पर यातायात पुलिस की मौजूदगी बढ़ानी चाहिए, ताकि लोग नियम तोड़ने से डरें।

जागरूकता और सख्ती जरूरी

ट्रैफिक विशेषज्ञों का कहना है कि लाल बत्ती तोड़ने की समस्या को रोकने के लिए जागरूकता अभियान, सख्त कानूनी कार्रवाई और बेहतर यातायात प्रबंधन की जरूरत है। स्कूलों और कालेजों में सड़क सुरक्षा पर जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाने चाहिए। साथ ही, प्राधिकरण को उन चौराहों पर विशेष ध्यान देना होगा, जहां सबसे ज्यादा उल्लंघन हो रहे हैं।

वहीं इसको लेकर डीसीपी यातायात मनीषा सिंह ने बताया कि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। मैनुअली व आइएसटीएमएस के जरिए कार्रवाई हो रही है। यही नहीं सामाजिक संस्थाओं व शैक्षणिक संस्थानों के साथ मिलकर जागरूकता कार्यक्रम चलाने का काम भी हो रहा है।