देशभर में लॉकडाउन के मद्देनजर खाने और पैसे की कमी से हजारों दिहाड़ी मजदूर अपने घरों की तरफ लौट रहे हैं। इस स्थिति को देखते हुए अब उत्तर प्रदेश शासन और प्रशासन दोनों हरकत में आए हैं। नोएडा के जिलाधिकारी बीएन सिंह ने शनिवार को मकानमालिकों के लिए आदेश जारी किए। इसमें कहा गया कि इस आदेश के जारी होने से एक महीने तक मकानमालिक अपने किराएदारों से किराया नहीं वसूलेंगे। डीएम ने कहा कि मकान मालिक अगर चाहें तो एक महीने या आदेशानुसार उसके बाद किराएदारों से पैसे मांग सकते हैं।

Coronavirus से जुड़ी जानकारी के लिए यहां क्लिक करें: कोरोना वायरस से बचना है तो इन 5 फूड्स से तुरंत कर लें तौबा | जानिये- किसे मास्क लगाने की जरूरत नहीं और किसे लगाना ही चाहिए |इन तरीकों से संक्रमण से बचाएं | क्या गर्मी बढ़ते ही खत्म हो जाएगा कोरोना वायरस?

आदेश में कहा गया है कि लाखों की संख्या में कर्मचारी और मजदूर गौतमबुद्ध नगर में अलग-अलग कंपनियों में कार्यरत हैं और किराए के घर में रह रहे हैं। कोरोनावायरस की वजह से गौतमबुद्ध नगर में औद्योगिक गतिविधियों के केंद्र बंद हो जाने के कारण वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए यह जरूरी है कि ऐसे लोगों को पूरी आवासीय सुरक्षा मिले। लेकिन प्रशासन को पता चला है कि ऐसे लोगों से घरों का किराया मांगा जा रहा है। इसी के चलते कुछ लोग अपने मकानों को छोड़कर अपने मूल निवास के लिए जाने को विवश हो रहे हैं।

डीएम ने आदेश दिया कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के प्रावधानों के तहत कोई भी मकान मालिक मजदूर और कर्मचारियों से उनके घर के किराए की मांग नहीं करेगा। आदेश जारी होने के एक महीने बाद ही इस पर फैसला लिया जा सकता है। अगर किसी ने इसका उल्लंघन किया तो कानून के तहत उसे एक साल तक की सजा या जुर्माना भरना पड़ सकता है। किसी जान-माल के नुकसान पर यह सजा बढ़ाकर दो साल तक की जा सकती है। जिलाधिकारी ने ऐसे मामलों की शिकायत के लिए फोन नंबर भी जारी किया।