नोएडा सेक्टर-34 में रहने वाले राहुल शर्मा की बैंक से ऋण लेने की योजना धारा-10 नोटिस के कारण ठप हो गई। जब उन्होंने प्राधिकरण से फ्लैट बंधक रखने की मंजूरी (मार्गेज परमीशन) के लिए आवेदन किया, तो पता चला कि उनके फ्लैट में अवैध रूप से अतिरिक्त निर्माण किया गया है। नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी ने बताया कि ऐसे मामलों में बंधक मंजूरी नहीं दी जा सकती। यह मामला केवल राहुल शर्मा तक सीमित नहीं है।
प्राधिकरण ने करीब 700 से अधिक आबंटियों को धारा-10 का नोटिस जारी किया है। यह नोटिस तब जारी होता है, जब किसी फ्लैट या मकान में नक्शे के विपरीत निर्माण या अवैध रूप से अतिरिक्त निर्माण किया गया हो। नोटिस के जरिए आबंटियों को बताया गया है कि अवैध निर्माण को तोड़ा जाए या नियमित कराया जाए। नोएडा प्राधिकरण अधिकारी पट्टा प्रलेख (लीज डीड) और नियम-शर्तों (बायलाज) को ध्यान में रखकर धारा-10 और अन्य अवैध निर्माणों को नियमित करने के लिए नीति तैयार कर रहे हैं।
आवासीय सोसाइटियों के साथ-साथ ग्रुप हाउसिंग सेक्टर के फ्लैटों को भी जारी नोटिस
प्रारंभिक मसविदा तैयार कर शासन को भेजा जाएगा, ताकि शहर में बढ़ रहे अतिक्रमण को रोका जा सके और धारा-10 के मामलों का निपटारा किया जा सके। धारा-10 नोटिस जारी होने के बाद आबंटियों के लिए फ्लैट बेचने और बैंक से ऋण लेने की प्रक्रिया रुक जाती है।
केवल अतिक्रमण हटाने और प्राधिकरण द्वारा एनओसी जारी होने के बाद ही यह कार्यवाही पूरी की जा सकती है। धारा-10 नोटिस विशेष रूप से सेक्टर-12, 22, 34, 71 जैसी आवासीय सोसाइटियों के साथ-साथ ग्रुप हाउसिंग सेक्टर-28, 29, 37 के फ्लैटों में जारी किए गए हैं। ये सोसाइटियां नोएडा प्राधिकरण द्वारा विकसित की गई हैं, जिसमें 5,000 से अधिक फ्लैट शामिल हैं।
मौजूदा नीति के तहत धारा-10 के आबंटियों को नियमित करना मुश्किल है। इस मामले पर नोएडा विधायक पंकज सिंह ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर, लोगों को जल्द समाधान होने का आश्वासन दिया है। दिल्ली की तर्ज पर जुर्माना लगाकर नियमितीकरण के विकल्पों को तलाशा जा रहा है। फेडरेशन आफ नोएडा रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (फोनरवा) ने इस मामले पर जांच समिति गठित कर कार्रवाई रोकने की मांग की है। इस मामले पर प्राधिकरण एसीईओ का कहना है कि धारा-10 के नोटिसों पर आए जवाब समेत अन्य विकल्पों के जरिए नीति बनाने की कोशिश की जा रही है।
