अपनी सरकार की आलोचना करने के चलते भाजपा पर पलटवार करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को कहा कि जिस तरह से जेएनयू के छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को पुलिस की मौजूदगी में ‘पीटा गया’, उससे दिल्ली में जंगल राज दिखाई देता है। एक समाचार चैनल द्वारा सोमवार को एक स्टिंग वीडियो दिखाए जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इससे जाहिर होता है कि ‘वकीलों ने पुलिस की मौजूद में अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और कन्हैया को पीटा।’

उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली में कानून का शासन नहीं है। दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आती है। दिल्ली में जो कुछ हुआ वह दिखाता है कि दिल्ली में जंगल राज है।’’ उन्होंने दिल्ली में पटियाला हाउस अदालत में कन्हैया पर हुए हमले की निंदा की और बिहार में छोटी मोटी घटनाओं को उजागर करने को लेकर भाजपा पर प्रहार किया।

कुमार ने कहा, ‘‘वे (भाजपा नेता) राज्य में यहां तक कि छोटी मोटी घटनाओं पर भी बोलते हैं। लेकिन कन्हैया कुमार को अदालत में पेश करने के दौरान क्या हुआ था? इससे जाहिर होता है कि दिल्ली में जंगल राज है।’’

उन्होंने कहा कि हालांकि वह राष्ट्र विरोधी नारों का समर्थन नहीं करते हैं लेकिन उन लोगों (संबद्ध अधिकारियों) ने अब तक कन्हैया के खिलाफ कोई सबूत पेश नहीं किया है। उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि आरएसएस और भाजपा अपनी विचारधारा थोप कर देश में फासीवाद लाना चाहती है। उन्होंने कहा कि सभी धर्मनिरपेक्ष ताकतों को इससे निपटने के लिए एकजुट होना चाहिए।

कुमार ने कहा कि यदि भूख, पूंजीवाद, सामंतवाद, आरएसएस और भाजपा के खिलाफ नारेबाजी को देशद्रोह माना जाता है तो यह तय है कि यह उनकी विचारधारा को थोपने की साजिश है। उन्होंने आरोप लगाया कि आरएसएस और भाजपा लोगों को राष्ट्र विरोधी साबित करने के अपने एजेंडा के जरिए सरकार की वित्तीय नाकामियों से लोगों का ध्यान भटकाना चाहती हैं।

कुमार ने कहा कि भाजपा सरकार ने रोजगार के अवसर पैदा करने और काला धन वापस लाने का वादा किया था लेकिन वह लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने में नाकाम रही है। उन्होंने कहा कि विकास दर नहीं बढ़ रही है, ‘मेक इन इंडिया’ के लिए निवेश नहीं आ रहा है और बैंकों की हालत खस्ता है। वित्तीय नाकामी का संकट उनके सामने मंडरा रहा है इसलिए वे लोग भावनात्मक मुद्दों को उठा कर देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं।