दिल्ली में एक 35 वर्षीय नाइजीरियाई व्यक्ति में मंकीपॉक्स (Monkeypox) का संक्रमण मिला है। रिपोर्ट के मुताबिक मरीज का हाल में यात्रा का कोई इतिहास भी नहीं रहा है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, यह भारत में मंकीपॉक्स का छठा केस है।

नाइजीरियाई नागरिक को इलाज के लिए दिल्ली सरकार द्वारा संचालित LNJP अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसे पिछले पांच दिनों से छाले और बुखार है। मरीज के नमूने पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) भेजे गए थे। एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि सोमवार शाम आई रिपोर्ट से पता चला है कि वह मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित है। इससे पहले भी LNJP अस्पताल में मंकीपॉक्स का एक संदिग्ध मरीज भर्ती किया गया था, लेकिन बाद में पुणे की NIV लैब में जांच के बाद उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी।

दिल्ली में मंकीपॉक्स का दूसरा मामला: दिल्ली में मंकीपॉक्स का यह दूसरा मामला है। मंकीपॉक्स के दो और संदिग्ध मरीजों को भी LNJP अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सूत्रों के मुताबिक मंकीपॉक्स के दोनों संदिग्ध मरीज अफ्रीकी मूल के हैं, जिन्हें एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दिल्ली में मंकीपॉक्स के मामलों से निपटने के लिए LNJP अस्पताल को नोडल अस्पताल के तौर पर स्थापित किया गया है, जहां 10 बेड्स वाला एक स्पेशल वॉर्ड तैयार किया गया है। मरीजों के इलाज और देखभाल के लिए 20 डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ की टीम बनाई गई है।

केरल में शख्स की मौत: इससे पहले केरल के त्रिशूर में शनिवार को मंकीपॉक्स से एक शख्स की मौत हो गई थी। त्रिशूर के पुन्नियूर के रहने वाला 22 वर्षीय युवक की संयुक्त अरब अमीरात से लौटने के कुछ दिनों बाद एक निजी अस्पताल में मौत हो गई थी। इसके बाद, स्वास्थ्य विभाग ने उसके सैंपल अलाप्पुझा में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की केरल यूनिट को भेजे थे। मंकीपॉक्स के शिकार लोगों के लिए प्रोटोकॉल के अनुसार उसका अंतिम संस्कार किया गया। उसके संपर्क में आए सभी लोगों को निगरानी में रखा गया है।

भारत में मंकीपॉक्स के 6 मामले: केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा था कि भारत में मंकीपॉक्स से होने वाली ये पहली मौत है और अफ्रीका के बाहर ये चौथी मौत होगी। भारत में अब तक मंकीपॉक्स के 6 मामलों की पुष्टि हुई है जिनमें से 3 केरल में हैं। शनिवार को केरल में हुई मौत देश में मंकीपॉक्स के संक्रमण से पहली मौत होगी। मई में मंकीपॉक्स के प्रकोप के बाद से लगभग 80 देशों में 22,000 से अधिक मामले सामने आए हैं।