जहांगीर पुरी हिंसा को लेकर डिबेट में बीजेपी के संबित पात्रा से कांग्रेस के आलोक शर्मा की तीखी भिड़ंत हुई। हालात इतने तल्ख हुए कि कई बार एंकर को बीच बचाव करना पड़ा। दरअसल पात्रा हनुमान जयंती पर हुई हिंसा के लिए मुस्लिमों को दोषी ठहरा रहे थे। जबकि आलोक शर्मा का कहना था कि दोनों ही समुदायों की वजह से हिंसा की लपटें फैलीं। संबित के एक आरोप के जवाब में उनका कहना था कि क्या 8 साल से सरकार पकोड़ै तल रही है। वो पीएफआई को बैन क्यों नहीं करती।

कांग्रेस के आलोक शर्मा ने कहा कि मोदी सरकार जिस तरह से काम कर रही है वो आपत्तिजनक है। एक वर्ग को टारगेट करने के लिए अब्बा जान और कभी 80 बनाम 20 की बात की जाती है। इससे देश में वैमनस्य फैल रहा है। उनका कहना था कि बीजेपी जानबूझ कर ये काम कर रही है। वो चाहती है कि धार्मिक विभेद बढ़े। इससे उसे चुनावों में फायदा पहुंचता है।

एंकर अंजना ओम कश्यप ने कहा कि जहांगीरपुरी की हिंसा में 7 आरोपी हिंदू धर्म को भी मानने वाले है। उनका संबित पात्रा से सवाल था कि आप लोग उनका नाम क्यों नहीं लेते। उनका कहना था कि दोनों ही समुदाय हिंसा के लिए जिम्मेदार हैं। हनुमान जयंती की शोभायात्रा बगैर अनुमति निकाली गई थी।

संबित पात्रा ने कहा कि हिंदू विरोधी मानसिकता की वजह से ये समुदाय 1 हजार साल तक गुलाम रहा। कांग्रेस को हमेशा दंगों के पीछे प्रेम शर्मा का हाथ नजर आता है वो कभी भी अंसार का नाम नहीं लेती। पात्रा का कहना था कि मर्ज का इलाज उसके हिसाब से किया जाता है। वो डॉक्टर हैं, इस बात को बखूबी समझते हैं। उनका कहना था कि कैंसर में कीमोथेरेपी की जाती है न कि पेचिस जैसे रोग में। उनका कहना था कि मुस्लिम समुदाय कैंसर है, क्योंकि जब मस्जिद के नीचे से शोभायात्रा निकाली जाती है तभी पथराव क्यों होता है?

आलोक शर्मा का कहना था कि प्रेम शर्मा को दिल्ली पुलिस ने तलाश किया है न कि कांग्रेस ने। उनका कहना था कि पात्रा पीएफआई को लेकर बार-बार बात कर रहे हैं। लेकिन आपकी सरकार 8 साल से पकौड़े ही तलवा रही है। वो पीएफआई पर एक्शन क्यों नहीं लेती। उन्होंने बांग्लादेशी नागरिकों के मुद्दे पर भी बीजेपी सरकार को घेरा। आलोक का कहना था कि दिल्ली पुलिस से सवाल हो कि उसने हिंदू-मुस्लिम क्यों किया। राकेश अस्थाना को बीजेपी बर्खास्त करे, क्योंकि उनकी जांच में ही 7 हिंदुओं को आरोपी बनाया गया है।