अजय पांडेय
लोकसभा के आगामी चुनाव में कांग्रेस व आम आदमी पार्टी (आप) के बीच चुनावी गठजोड़ की प्रबल संभावना के बीच गुरुवार को हो रही प्रदेश कांग्रेस की चुनाव समिति की बैठक पर सियासी लोगों की नजरें टिकी हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित की अगुआई में उम्मीदवारों के नाम तय करने को लेकर हो रही बैठक में पार्टी नेताओं की ओर से ‘आप’ से चुनावी गठबंधन के मुद्दे पर जोरदार मुखालफत किए जाने की संभावना है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित पद संभालने के बाद से लगातार कह रही हैं कि लोकसभा के आगामी चुनाव में कांग्रेस किसी भी सूरत में ‘आप’ से कोई गठजोड़ नहीं करेगी। हालांकि दोनों दलों के बीच चुनावी तालमेल की संभावना को लेकर भी चर्चाओं का दौर लगातार जारी है। हाल ही में जंतर मंतर पर ‘आप’ के मुखिया व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में हुई विपक्ष की रैली के बाद मराठा क्षत्रप शरद पवार के घर पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी व केजरीवाल की मुलाकात के बाद दिल्ली में गठबंधन की संभावना को बल मिला। हालांकि पवार के घर से निकलने के बाद राहुल गांधी ने यही कहा था कि दिल्ली व पश्चिम बंगाल को लेकर अभी फैसला नहीं हुआ है, लेकिन उन्होंने गठबंधन की संभावना से इनकार भी नहीं किया था।
प्रदेश कांग्रेस की चुनाव समिति के सदस्यों की मानें तो गुरुवार को शीला दीक्षित की अध्यक्षता में हो रही इस समिति की बैठक में एक लाइन का प्रस्ताव पारित कर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को सूबे की सातों लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवार चुनने के लिए अधिकृत कर दिया जाएगा। लेकिन गठबंधन की मुखालफत कर रहे पार्टी के कुछ नेता गुरुवार को चुनाव समिति की बैठक में गठबंधन के खिलाफ भी आवाज बुलंद कर सकते हैं।
पार्टी नेताओं का कहना है कि जब यह तय है कि गठबंधन नहीं करना है तो चुनाव समिति एक और प्रस्ताव पारित कर पार्टी हाई कमान को क्यों नहीं भेज सकती जिसमें कहा जाए कि कांग्रेस सभी सात सीटों पर अकेले चुनाव लड़ना चाहती है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीक्षित की अगुआई में गठित चुनाव समिति में उनके अलावा तीनों कार्यकारी अध्यक्षों हारुन युसूफ, देवेंद्र यादव, राजेश लिलोठिया के अलावा पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन, रमाकांत गोस्वामी, मंगतराम सिंघल, मुकेश शर्मा सहित कुल 21 सदस्य हैं।