अग्निपथ योजना पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का कहना है कि हम कॉन्‍टेक्‍टलैस और अदृश्य दुश्मन से युद्ध की तरफ बढ़ रहे हैं, टेक्‍नोलॉजी तेजी से बदल रही है तो हमें भी बदलना पड़ेगा। उनका कहना है कि जो हम कल कर रहे थे अगर वही भविष्य में भी करते रहे तो हम सुरक्षित रहेंगे ये जरूरी नहीं। यदि हमें कल की तैयारी करनी है तो हमें परिवर्तित होना पड़ेगा। आवश्यक इसलिए था, क्योंकि भारत में भारत के चारों तरफ माहौल बदल रहा है।

ANI से साक्षात्कार में डोभाल का कहना है कि अकेले अग्निवीर पूरी आर्मी कभी नहीं होंगे। अग्निवीर सिर्फ पहले 4 साल में भर्ती किए गए जवान होंगे। बाकी सेना का बड़ा हिस्सा अनुभवी लोगों का होगा। 4 साल बाद जो अग्निवीर नियमित होंगे उन्हें कड़ी ट्रेनिंग दी जाएगी। उका कहना है कि रेजीमेंट के सिद्धांत के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं होगी। सारी रेजीमेंट जैसे पहले सेना में काम कर रही थीं, वैसे ही भविष्य में करेंगी।

अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रदर्शन पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का कहना है कि इसमें दो तरह के प्रदर्शन हो रहे हैं। एक तो वे हैं जिन्हें चिंता है। उन्होंने देश की सेवा भी की है। जब भी कोई बदलाव आता है तो कुछ चिंताएं उसके साथ आती हैं। हम इसे समझ सकते हैं। जैसे-जैसे उन्हें पूरी बात का पता चल रहा है वो समझ रहे हैं। जो दूसरा वर्ग है उन्हें न राष्ट्र से कोई मतलब है, न राष्ट्र की सुरक्षा से। वो समाज में टकराव पैदा करना चाहते हैं। वो ट्रेन जलाते हैं। पथराव करते हैं। प्रदर्शन करते हैं। वो लोगों को भटकाना चाहते हैं।

अजीत डोभाल का कहना है कि हमारा चीन के साथ सीमा क्षेत्र को लेकर विवाद बहुत समय से है। चीन को स्पष्ट है कि हम किसी भी तरह का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं करेंगे। चर्चा से समाधान की कोशिश लगातार जारी है। हम ये भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि पूरी तरह अपनी सीमा की सुरक्षा करें। यह एक समस्या है, इससे हम प्रभावी रूप से निपट रहे हैं।

कश्मीर मसले पर उनका कहना है कि 2019 के बाद से कश्मीर के लोगों की सोच में बदलाव आया है। वो अब पाकिस्तान और आतंकवाद के पक्ष में नहीं हैं। कुछ युवा गुमराह हैं। कुछ आतंकी संगठन अभी भी सक्रिय हैं। हम उनसे लड़ रहे हैं। अगर हमें अपने हित की सुरक्षा करनी है तो हम फैसला करेंगे कि हमें कब, किसके साथ, किस आधार पर शांति स्थापित करनी है। हम पाक समेत पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं। लेकिन आतंकवाद के लिए सहिष्णुता नही है।

उनका कहना था कि आज भारत में बनी AK-203 के साथ नई असॉल्ट राइफल को सेना में शामिल किया जा रहा है। यह दुनिया की सबसे अच्छी असॉल्ट राइफल है। सैन्य उपकरणों में बहुत प्रगति की जा रही है। पिछले 8 सालों में स्ट्रक्चरल सुधार बहुत सारे हुए हैं। 25 साल से CDS का मुद्दा लंबित था। राजनीति के कारण इसको अमल में नहीं लाया जा सका था। आज हमारे डिफेंस एजेंसी की अपनी स्पेस की स्वतंत्र एजेंसी है।