दिल्ली पुलिस का मानना है कि सुनंदा पुस्कर हत्या मामले में तीन प्रमुख गवाह कुछ छुपा रहे हैं। लिहाजा उन्हें झूठ पकड़ने वाली मशीन से गुजारना जरूरी है। बुधवार को जांच में लगी विशेष टीम को इसकी इजाजत मिल गई। सुनवाई कर रही अदालत ने तीनों प्रमुख गवाहों के लाई डिटेक्टर टेस्ट की इजाजत दे दी। अदालत ने सुनंदा के पति व कांग्रेस सांसद शशि थरूर के घरेलू सहायक नारायण सिंह, ड्राइवर बजरंगी और पारिवारिक दोस्त संजय दीवान की पॉलीग्राफ जांच कराने का आग्रह मंजूर कर लिया।
सुनंदा हत्या मामले की जांच कर रहे अधिकारियों ने कुछ सबूतों के सत्यापन के लिए तीन प्रमुख गवाहों के लाई डिटेक्टर जांच की मांग की थी। और ऐसे संकेत हैं कि कई और गवाहों से इस जांच से गुजरने के लिए कहा जा सकता है। जांच से जुड़े सूत्रों ने कहा कि इन तीनों की पॉलीग्राफ जांच होने के बाद करीब 12 गवाहों की भी इसी तरह की जांच की मांग कर सकती है।
जांच के दौरान नारायण, बजरंगी और दीवान सहित कई लोगों से पूछताछ की गई क्योंकि ये लोग थरूर और सुनंदा के काफी निकट थे व सुनंदा की मौत से ठीक पहले होटल लीला पैलेस में मौजूद थे। लेकिन सूत्रों का कहना है कि तीन प्रमुख गवाह कुछ छुपा रहे हैं। शशि थरूर के घर काम करने वाले तीन संदिग्धों नारायण सिंह, चालक बजरंगी और मित्र संजय दीवान ने अदालत से कहा कि वे पॉलीग्राफ परीक्षण से गुजरना चाहते हैं जिसके बाद अदालत ने यह आदेश दिया। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सुनील कुमार शर्मा ने कहा कि तीन संदिग्धों पर पॉलीग्राफ परीक्षण की अनुमति दी जाती है, बशर्ते एनएचआरसी और सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन हो।
सुनवाई के दौरान, पुलिस ने अदालत से कहा कि जांच के दौरान इन तीनों से पूछताछ हुई लेकिन वे कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्य छिपा रहे हैं। पुलिस ने दावा किया-वे सभी तथ्यों का खुलासा नहीं कर रहे हैं। वे सुनंदा पुष्कर के शव की चोटों से संबंधित कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्यों को छिपा रहे हैं।
तीनों संदिग्धों की ओर से पेश वकील ने अदालत से कहा कि उनके मुवक्किल पुलिस के साथ पूरा सहयोग कर रहे हैं। वकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस (पाॉलीग्राफ परीक्षण) पर सबूत के तौर पर भरोसा नहीं किया जाता लेकिन अगर पुलिस यह करना चाहती है तो हम इसके लिए सहमति देते हैं। वकील ने मजिस्ट्रेट से कहा कि पुलिस को अदालत को बताना चाहिए कि वह परीक्षण के दौरान कौन से सवाल पूछना चाहती है। वकील ने कहा कि मेरे मुवक्किल पॉलीग्राफ परीक्षण कराने के लिए तैयार हैं क्योंकि हम यह प्रभाव नहीं चाहते कि हम जांच से दूर भाग रहे हैं।
पुलिस ने अपनी याचिका में अदालत से तीन संदिग्धों पर पॉलीग्राफ परीक्षण कराने की कार्रवाई शुरू करने का अनुरोध करते हुए कहा कि वे इस मामले से जुड़े महत्त्वपूर्ण तथ्य छिपा रहे हैं। जांच अधिकारी यह जानने के लिए संघीय जांच ब्यूरो से रिपोर्ट की प्रतीक्षा कर रहे हैं कि सुनंदा के शरीर में किस तरह का जहर पाया गया था। सुनंदा का विसरा नमूना इसी साल फरवरी में वाशिंगटन स्थित एफबीआइ की प्रयोगशाला में भेजा गया था क्योंकि एम्स के चिकित्सकों के एक पैनल ने कहा था कि जहर की पहचान भारतीय प्रयोगशालाओं में नहीं हो सकती।
इस मामले में जांच अधिकारी को लगा कि पॉलीग्राफ के जरिए कुछ सबूत की जरूरत है। इसलिए इसमें कोई बड़ी बात नहीं है। इसी साल जनवरी में पुलिस ने दावा किया था कि सुनंदा को जहर दिया गया था और अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया था।
अदालत ने दी इजाजत
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सुनील कुमार शर्मा ने कहा कि तीन संदिग्धों पर पॉलीग्राफ परीक्षण की अनुमति दी जाती है, बशर्ते एनएचआरसी और सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन हो।
पुलिस ने की थी मांग
पुलिस ने कोर्ट से कहा कि जांच के दौरान इन तीनों से पूछताछ हुई पर वे कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्य छिपा रहे हैं। पुलिस ने दावा किया-वे सभी तथ्यों का खुलासा नहीं कर रहे हैं। वे सुनंदा पुष्कर के शव की चोटों से संबंधित कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्यों को छिपा रहे हैं।