साल 2019 के लोकसभा चुनाव में मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देने के लिए एकजुट होने की कोशिश करते विपक्ष में प्रधानमंत्री पद की दावेदारियां अब सामने आने लगी हैं। यहां एकाएक समाजवादी पार्टी के नेता ने सपा प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने की मांग की है। दरअसल दिल्ली के जंतर-मंतर पर समाजवादी पार्टी की साइकल यात्रा के समापन समारोह के दौरान सपा के एक नेता ने भाषण के दौरान कहा राष्ट्र को जरुरत है कि पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को देश की सबसे ऊंची सीट (यानी प्रधानमंत्री पद) पर होने चाहिए।

सपा नेता ने आगे कहा कि अखिलेश विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ सबसे मजबूत हैं। खास बात यह है कि सपा नेता ने यह टिप्पणी पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव की मौजूदगी में की। हालांकि अखिलेश को लेकर की टिप्पणी के बाद सपा नेता को तुंरत अपना भाषण खत्म करने के लिए कह दिया गया था। वहीं एक अन्य पार्टी ने मामले में सफाई देते हुए समझाया कि ऐसे वक्त में यह टिप्पणी स्वीकार्य नहीं है जब लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा विरोधी गठबंधन को अभी तक इसके नेता द्वारा अंतिम रूप नहीं दिया गया है।

बता दें कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए सपा ने अपना चुनाव प्रचार तेज कर दिया है। साइकिल यात्रा की समाप्ति के बाद पार्टी अब ओबीसी सम्मेलन आयोजित करने जा रही है। यह ओबीसी सम्मेलन सुल्तानपुर में आयोजित किया जाएगा। खबर है कि सपा भी अब भाजपा को उसी की शैली में जवाब देने की तैयारी कर रही है। इसलिए पार्टी जिलावार ओबीसी सम्मेलन कर रही है। खबर है कि 25 सितंबर को अमेठी के बाद 27 सितंबर को सुलतानपुर में ओबीसी सम्मेलन आयोजित किया गया। दरअसल भाजपा प्रदेश में अलग-अलग जातियों को साधने के लिए ओबीसी सम्मेलन कर रही है। माना जा रहा है कि भाजपा की इसी रणनीति का जवाब सपा का ओबीसी सम्मेलन है। (जनसत्ता ऑनलाइन इनपुट सहित)