आयकर विभाग दिल्ली स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक बड़े नेता की क्लोदिंग कंपनी की नोटबंदी के बाद बंद नोट जमा करने को लेकर जांच कर रहा है। इस कंपनी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को बंद करने की घोषणा के बाद 17 करोड़ रुपये नकद जमा कराने का आरोप है। पीएम मोदी ने आठ नवंबर 2016 को रात आठ बजे उसी दिन रात 12 बजे से नोटबंदी लागू हो जाने की घोषणा की थी।

इंडियन एक्सप्रेस को सूत्रों ने बताया कि आरएसएस नेता की कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर की जांच की जा रहा है। अहूजासंस शॉलवाले प्राइवेट लिमिटेड के मालिक कुलभूषण अहूजा की है जो आरएसएस के दिल्ली प्रांत संघचालक (दिल्ली प्रमुख) हैं। कंपनी के रिकॉर्ड के अनुसार कंपनी में तीन अन्य डायरेक्टर हैं, उनके बेटे भुवन और करन तथा बेटी निधि।

सूत्रों के अनुसार कंपनी ने पिछले महीने कथित तौर पर छह करोड़ रुपये प्रधान मंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत स्वैच्छिक घोषणा स्कीम के तहत जमा किए। केंद्र सरकार ने दिसंबर में उन लोगों के लिए इस योजना की घोषणा की थी जिनके पास अघोषित नकद रुपये थे। अहूजासंस पशमीना शॉल की बड़ी विक्रेता है। कंपनी के शोरूम करोल बाग, खान मार्केट और साउथ एक्सटेंशन में हैं। आरएसएस से जुड़े परिवार से आने वाले आहूजा भी बचपन में ही संघ में शामिल हो गए थे।

आहूजा से जब इंडियन एक्सप्रेस ने इस बाबत जानकारी चाही तो उन्होंने आयकर विभाग की जारी जांच के बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। इंडियन एक्सप्रेस ने आहूजा को इस मामले से जुड़े सवालों भी भेजे जिनका उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। आयकर विभाग के अधिकारियों ने भी इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

सूत्रों के अनुसार आयकर विभाग के अधिकारियों ने इनकम टैक्स एक्ट की धारा 132 के तहत 22 फरवरी को आहूजा के आवास और दफ्तर की सघन जांच की। आयकर विभाग को आहूजा द्वारा बंद नोट जमा करने के बारे में अपने ही इनटर्नल विंग सी सूचना मिली थी। नोटबंदी के बाद आयकर विभाग का इनटर्नल विंग देश भर में संदिग्ध तौर पर जमा किए गए बंद किए गए नोटों और बैंक खातों के ब्योरों की पड़ताल कर रहा है। आईटी की धारा 132 के तहत अगर किसी आयकर अधिकारी को इस बात का यकीन है कि किसी के पास अघोषित नकद, सोने के बिस्किट या आभूषण इत्यादि हैं तो वो वो उसके घर या दफ्तर पर छापा मार सकता है।

सूत्रों के अनुसार छापे में आयकर अधिकारियों को पता चला है कि आहूजा की कंपनी “पिछली तारीखों के जाली बिल” बनाकर अपने नकद जमा को वाजिब ठहराने की कोशिश कर रही है। छापे में आयकर अधिकारियों को नए नोटों में नकदी भी मिली। अधिकारियों ने कंपनी के सभी बडे पदाधिकारियों के बयान इस मसले पर दर्ज कर लिए हैं। आयकर अधिकारियों को अभी कई बैंक लॉकरों की पड़ताल करनी बाकी है।

पिछले शुक्रवार को आयकर अधिकारियों ने करोल बाग स्थित एक्सिस बैंक में स्थिति कंपनी के लॉकरों की जांच की। सूत्रों के अनुसार आयकर विभाग के छापे के बाद ही कंपनी समझौते के तौर पर पीएमजीकेवाई में छह करोड़ रुपये जमा करने पर तैयार हुई। पीएमजीकेवाई स्कीम के तहत अघोषित आय पर 30 प्रतिशत टैक्स, दिए गए टैक्स पर 33 प्रतिशत उपकर और 10 प्रतिशत पेनाल्टी लगेगी जो कुल मिलाकर अघोषित आय का करीब 50 प्रतिशत होगा। इसके अलावा स्कीम को तहत घोषित आय का 25 प्रतिशत अगले चार सालों तक शून्य ब्याज पर जमा रहेगी।