राज्यसभा की बैठक बकाया कामकाज को पूरा करने के लिए अब शुक्रवार (13 मई) को भी होगी। राज्यसभा प्रवीण राष्ट्रपाल के निधन के बाद उनके सम्मान में गुरुवार (12 मई) को दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। उधर लोकसभा का सत्र निर्धारित समय से दो दिन पहले और राज्यसभा का एक दिन पहले समाप्त करने का फैसला बुधवार को लिया गया था। इसे ध्यान में रखते हुए लोकसभा का सत्र बुधवार (11 मई) को ही समाप्त कर दिया गया।
फैसले के मुताबिक, सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों के पारंपरिक विदाई भाषण के बाद राज्यसभा को गुरुवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया जाना था। राज्यसभा के 58 सदस्य सेवानिवृत्त हो रहे हैं और उनमें से कई फिर से निर्वाचित भी हुए हैं। संसद के बजट सत्र की शुरुआत 23 फरवरी को हुई थी और यह 16 मार्च को समाप्त हुई। सत्र के पहले और दूसरे चरण के बीच अवकाश निर्धारित था। हालांकि पहले चरण के बाद ही सत्रावसान कर दिया गया ताकि उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने के बाद वहां के लिए लेखानुदान को लेकर अध्यादेश लाया जा सके। जब संसद का सत्र चल रहा हो तो अध्यादेश नहीं जारी किया जा सकता।
इसके लिए सत्रावसान किया गया था। बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत नए सत्र के रूप में हुई। मूल कार्यक्रम के मुताबिक, इस सत्र को 13 मई तक चलना था। लेकिन केरल और तमिलनाडु के विधानसभा चुनावों में प्रचार के आखिरी चरण को देखते हुए इसकी अवधि में कटौती की गई। इसके अलावा सरकार ने इस सत्र के लिए तय किए गए अपने विधायी कार्य को पूरा कर लिया था। इस सत्र में राज्यसभा की कार्यवाही कई बार बाधित हुई, लेकिन लोकसभा में कोई स्थगन नहीं हुआ।
उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन, अगस्तावेस्टलैंड सौदे जैसे विभिन्न मुद्दों को लेकर राज्यसभा में कई दिन बार-बार कार्यवाही बाधित हुई। राज्यसभा में कांग्रेस की अगुआई में विपक्षी सदस्यों की संख्या राजग सदस्यों से ज्यादा है। बुधवार को वित्त विधेयक पारित हो जाने के बाद सरकार के लिए वस्तुत: कोई खास कामकाज नहीं बचा था। संसद सूत्रों ने बताया कि सत्र को पहले समाप्त किए जाने की बात पर पिछले कुछ दिनों से चर्चा चल रही थी।
सूत्रों ने बताया कि राज्यसभा भी बुधवार को ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो जाती, लेकिन इसके 58 सदस्य सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इसलिए यह फैसला किया गया कि सदन को गुरुवार को पारंपरिक विदाई भाषण के बाद स्थगित किया जाएगा। लेकिन एक सदस्य प्रवीण राष्ट्रपाल के निधन के कारण सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी।

