शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि शिवसेना ने कभी ऐसे विषय पर राजनीति नहीं की है। वैसे तो हमें विरोध करना चाहिए था लेकिन इतने छोटे का मन का मैं नहीं हूं। लेकिन उनका ये फैसला कांग्रेस व राकांपा को रास नहीं आया। दोनों ने उद्धव ठाकरे को इस फैसले के लिए जमकर लताड़ लगाई है। उधर बीजेपी ने अपने सभी सांसदों को शनिवार को डिनर के लिए आमंत्रित किया है। सांसदों संग खुद पीएम मोदी गुफ्तगू करेंगे।

कांग्रेस नेता बाला साहेब थोराट ने शिवसेना के द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने पर हैरानी जताई। उन्होंने ट्विटर पर कहा कि राष्ट्रपति चुनाव एक वैचारिक लड़ाई है। यह लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए चल रहा संघर्ष है। यह लड़ाई महिलाओं, पुरुषों या आदिवासियों, गैर-आदिवासियों के बीच नहीं है। वो सभी जो संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के पक्ष में हैं, यशवंत सिन्हा का समर्थन कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि शिवसेना ने द्रौपदी मुर्मू का समर्थन क्यों किया? उन्होंने इसके कुछ कारण भी बताए। लेकिन इसके पीछे शिवसेना नेतृत्व की वास्तविक भूमिका के बारे में हम क्या कह सकते हैं ? उन्होंने कहा कि शिवसेना एक अलग राजनीतिक दल है, इसलिए वो अपनी भूमिका निभा सकते हैं। हालांकि इस वैचारिक लड़ाई में शिवसेना द्वारा निभाई गई भूमिका समझ से बाहर है। जब अलोकतांत्रिक रास्ता अपनाकर राज्य सरकार को उखाड़ फेंका गया और शिवसेना के अस्तित्व को चुनौती दी गई।

उधर एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने कहा कि महाविकास अघाड़ी से दूर जाने की कोई बात नहीं दिखती। पहले भी शिवसेना का राष्ट्रपति के चुनाव में उनका अपना निर्णय होता रहा है। ये उनकी पार्टी का निर्णय है इसमें हमारी कोई भूमिका नहीं। शिवसेना एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार को समर्थन दे रही है इसका मतलब यह नहीं होता कि वह एनडीए का समर्थन कर रही है। लेकिन उनका ये भी कहना था कि उद्धव ठाकरे ने इस तरह का फैसला लेने से पहले उनसे कोई चर्चा नहीं की थी।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने भी ऐलान किया है कि वह राष्ट्रपति चुनाव के लिए द्रौपदी मुर्मू का पूरा समर्थन करेंगे। सीएम शिंदे ने कहा हमारे सभी विधायक पीएम नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में उन्हें वोट देंगे। शिंदे ने गुरु पूर्णिमा पर बाला साहेब ठाकरे को श्रद्धा सुमन अर्पित कर कहा कि उनके आर्शिवाद के चलते ही वो आज सीएम के रूप में उनके सामने खड़े हैं।