राष्ट्रपति के चुनाव के लिए ममता बनर्जी विपक्ष की धुरी बनकर उभर रही हैं। राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष की रणनीति क्या होगी, इस बारे में चर्चा करने के लिए बुधवार को दोपहर 3 बजे कॉन्स्टिट्यूशन क्लब दिल्ली में ममता बनर्जी ने विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक बुलाई है। बैठक में कांग्रेस भी भाग लेने वाली है। कांग्रेस की ओर से मल्लिकार्जुन खड़गे, जयराम रमेश, रणदीप सिंह सुरजेवाला जाएंगे। सीपीआई (एम) की तरफ से भी उनके सांसद भी वहां शिरकत करने वाले हैं।

विपक्ष शरद पवार को संयुक्त विपक्ष का उम्मीदवार बनाना चाहता है। मंगलवार को ममता ने शरद पवार के घर जाकर उनसे मुलाकात की। खास बात है कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों की बैठक कांग्रेस चीफ सोनिया गांधी की ओर से नहीं बल्कि ममता बनर्जी की ओर से बुलाई गई है।

अब तक मुख्य विपक्षी दल की ओर से राष्ट्रपति चुनाव के लिए रणनीति तैयार करने को बैठक बुलाई जाती थी लेकिन इस बार कांग्रेस के सामने दूसरे हालात हैं। कई दल उसकी छत्रछाया में नहीं आना चाहते। खुद ममता भी कांग्रेस को डीप फ्रीजर में गया मान चुकी हैं।

ममता बनर्जी दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में बुधवार यानि कल विपक्ष के मुख्यमंत्रियों और नेताओं के साथ एक संयुक्त बैठक में भाग लेंगी। बैठक के लिए 22 नेताओं को चिट्ठी लिखी गई है। सीपीआई जनरल सेक्रेटरी डी राजा, सीपीआईएम जनरल सेक्रेटरी सीतारम येचुरी, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, राष्ट्रीय लोकदल प्रमुख जयंत चौधरी, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी, पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा, नेशनल कांफ्रेंस अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी(पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मु़फ्ती, शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट अध्यक्ष पवन चामलिंग और आईयूएमएल अध्यक्ष के एम कादिर मोहिद्दीन को भी ममता ने मीटिंग में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है।

इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की ओर से साझा उम्मीदवार खड़ा करने को लेकर ममता बनर्जी और द्रमुक, भाकपा, माकपा तथा आदमी पार्टी के नेताओं के साथ चर्चा की थी। राष्ट्रपति चुनाव के लिए अधिसूचना 15 जून को जारी की जाएगी। मतदान 18 जुलाई को होगा और मतगणना 21 जुलाई को होगी। राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन 15 जून से शुरू होगा और इसकी अंतिम तारीख 29 जून है। जरूरत पड़ी तो 3 दिन बाद काउंटिंग कराई जाएगी।

इलेक्टोरेल कॉलेज में कुल 10,86, 431 वोट हैं। जीतने के लिए 50 फीसदी से ज्यादा वोटों की जरूरत है। एनडीए के पास फिलहाल 13 हजार वोट कम हैं। पिछली दफा उसके साथ रही टीआरएस, वाईएसआर कांग्रेस और बीजेडी थे। लेकिन इस बार ये सभी बीजेपी के विरोध में बिगुल बजा रहे हैं।