सोमवार को होने वाली सर्वदलीय बैठक से पहले सरकार और कांग्रेस दोनों के अपने-अपने रुख पर कायम रहने के साथ संसद में बने गतिरोध के तत्काल खत्म होने के आसार कम नजर आ रहे हैं। कांग्रेस के शनिवार को इस बात पर जोर दिए जाने के बाद कि अगर संसद में गतिरोध को दूर किया जाना है तो भाजपा के तीन वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ कार्रवाई का मुद्दा बैठक के एजंडे में होना चाहिए, सरकार विपक्ष की मांग को मानती नहीं लग रही है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सरकार के पहले के रुख को दोहराया कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज बयान देने को तैयार हैं और राज्य के मुद्दों पर संसद में चर्चा नहीं हो सकती।

मुख्य विपक्षी दल ललित मोदी विवाद में कथित भूमिका को लेकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और व्यापमं घोटाले को लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग कर रही है।

रविशंकर प्रसाद ने पत्रकारों से कहा, ‘सुषमा जी मानसून सत्र के पहले दिन से ही संसद में बयान देने को तैयार हैं। जहां तक व्यापमं मुद्दे का सवाल है, कांग्रेस यह भूल सकती है, लेकिन देश को यह पता होना चाहिए कि राज्य के मुद्दों पर संसद में चर्चा नहीं होती’।
भाजपा सूत्रों ने कहा कि गतिरोध को दूर करने के लिए सरकार ने सब कुछ किया जो वह कर सकती थी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के उस बयान के बाद रविशंकर प्रसाद की यह टिप्पणी आई है कि प्रस्तावित सर्वदलीय बैठक इस बात पर आधारित होनी चाहिए कि सुषमा, राजे और चौहान के बारे में क्या कार्रवाई की गई है।

विपक्ष के विरोध के कारण संसद के दोनों सदनों में कामकाज बाधित है। संसद का मानूसन सत्र 21 जुलाई से शुरू हुआ। राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने यहां कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से कहा, ‘गतिरोध को दूर करने के लिए चर्चा करने में हमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन यह (भाजपा के तीन वरिष्ठ नेताओं का भविष्य) चर्चा के लिए एजंडे में होना चाहिए। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कांग्रेस संसद के मौजूदा सत्र में अहम विधेयकों को पारित कराने की इच्छुक है।

कांग्रेस ने शुक्रवार को ही यह साफ कर दिया था कि संसद में दो हफ्ते से जारी गतिरोध को दूर करने के लिए सर्वदलीय बैठक में उसकी हिस्सेदारी विपक्ष की मांगों के बारे में प्रधानमंत्री की ओर से ‘ठोस’ प्रस्ताव पर निर्भर करेगी। संसद के मानसून सत्र का लगातार दूसरा सप्ताह हंगामे की भेंट चढ़ जाने के बीच सरकार ने गतिरोध तोड़ने के प्रयास में सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से संसद में बने गतिरोध को दूर करने के लिए भाजपा सरकार की बुलाई गई सर्वदलीय बैठक से पहले सोमवार को अपनी पार्टी की रणनीति पेश किए जाने की संभावना है। सोनिया गांधी सोमवार की सुबह मौजूदा मानसून सत्र के तीसरे हफ्ते की कार्यवाही शुरू होने से पहले कांग्रेस संसदीय दल की बैठक को संबोधित करेंगी। कांग्रेस ने पहले ही कह दिया है कि संसद में दो हफ्ते से जारी गतिरोध को दूर करने के लिए सर्वदलीय बैठक में उसकी हिस्सेदारी विपक्ष की मांगों के बारे में प्रधानमंत्री की ओर से ठोस प्रस्ताव पर निर्भर करेगी।