आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाए कि भाजपा नीत राजग सरकार ने भूमि विधेयक के मुद्दे पर ‘‘अंतत: अपनी गलती स्वीकार’’ कर ली है जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घोषणा की कि भूमि अध्यादेश खत्म होने के बाद केंद्र इसे फिर नहीं लाएगा।

दिल्ली में सत्तारूढ़ दल ने दावा किया कि मोदी की घोषणा इसके रुख की भी पुष्टि करता है कि भाजपा नीत शासन ‘‘जन विरोधी और किसान विरोधी’’ है।

आप ने आरोप लगाए कि मोदी सरकार ने ‘‘कॉरपोरेट समर्थक’’ भूमि अध्यादेश लाने का प्रयास छोड़कर बताया है कि वह लोगों पर ‘‘विधेयक को लादने’’ का प्रयास कर रही थी।

आप ने कहा, ‘‘भूमि अधिग्रहण विधेयक में भाजपा की भूमिका दिलचस्प और चिंताजनक दोनों है। विपक्ष में रहते हुए संप्रग के साथ मिलकर इसने 2013 में विधेयक पारित कराने में सहयोग किया और सत्ता में आने के बाद अपने कॉरपोरेट दोस्तों को फायदा पहुंचाने के लिए इसने विधेयक से छेड़छाड़ किया।’’

इसने कहा, ‘‘लोगों पर तीन बार विधेयक को लादने का असफल प्रयास करने के बाद इसने अंतत: आज स्वीकार किया कि यह गलती थी।’’

आप से निष्कासित प्रशांत भूषण और योगेन्द्र यादव द्वारा गठित जय किसान आंदोलन ने भूमि अध्यादेश को खत्म हो जाने देने के सरकार के निर्णय पर किसानों को बधाई दी।