जेएनयू परिसर में फरवरी में कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाने से जुड़े देशद्रोह के मामले में जेएनयूएसयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार और दो अन्य छात्रों की नियमित जमानत याचिका पर महानगर की एक अदालत ने आज (शनिवार, 20 अगस्त) दिल्ली पुलिस से 26 अगस्त तक जवाब देने को कहा है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रितेश सिंह ने यह आदेश तब पारित किया जब पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने कन्हैया, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य के आवेदन पर जवाब देने के लिए समय की मांग की। अंतरिम जमानत पर बाहर चल रहे तीनों छात्रों ने नियमित याचिका के लिए निचली अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने 17 अगस्त को उनके नियमित जमानत आवेदन को सुनने से इंकार कर दिया था और कहा था कि इसके लिए वे निचली अदालत में जाएं जिसके बाद कन्हैया ने यह कदम उठाया। उच्च न्यायालय ने उसे दो मार्च को छह महीने के लिए अंतरिम जमानत दी थी जो एक सितम्बर को समाप्त हो रही है। खालिद और भट्टाचार्य को 18 मार्च को अंतरिम जमानत देते हुए निचली अदालत ने कहा था कि कन्हैया की भूमिका दो आरोपियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों से अलग प्रतीत नहीं होती।

अदालत ने दोनों को 25 हजार रुपए के निजी बांड और इतनी ही राशि के मुचलके पर राहत दी थी जिसके बाद उन्हें 19 सितम्बर तक जमानत देने का आदेश दिया गया था। इसने उमर और अनिर्बान को निर्देश दिया था कि अंतरिम जमानत के दौरान बिना अनुमति के वे दिल्ली से बाहर नहीं जाएं और जब भी जरूरत हो तो जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित हों।