Pranav Mukul , Aashish Aryan
Indian Market Coronavirus: सार्वजनिक स्थानों से अनलॉक-1 के तहत प्रतिबंध हटाए जाने के बाद भी खुदरा व्यापारियों को नई परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उनका कहना है कि ग्राहक बाजार में बहुत कमी के साथ आ रहा है। पिछले कुछ हफ्तों से व्यापारी एक दिलचस्प प्रवृति की तरफ भी इशारा कर रहे हैं। व्यापारियों के मुताबिक लॉकडाउन से पहले की तिमाही में ग्राहक पहले के मुकाबले आधे से अधिक राजस्व में योगदान दे रहे थे।
रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (RAI) के सीईओ कुमार राजागोपालन ने बताया कि प्री-लॉकडाउन की तुलना में 25 से 50 फीसदी ग्राहक ही हमारे पास आ रहे हैं। इन ग्राहकों की पिछले साल की तुलना में लगभग 60 फीसदी की हिस्सेदारी है। अब ग्राहक सिर्फ स्पष्ट उद्देश्य, खरीदारी के लिए आ रहे हैं। विंडो शॉपिंग अब इस्तेमाल होने वाला शब्द नहीं है। बता दें कि RAI देशभर में 1,800 से अधिक खुदरा विक्रेताओं का प्रतिनिधित्व करने वाला एक व्यापार निकाय है।
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इधर कोरोना वायरस महामारी के चलते उन दुकानदारों के लिए जो किराए पर या पट्टे पर ली गईं दुकानों से अपना व्यापार चलाते हैं उन्हें अधिक परिचालन खर्च और लगभग शून्य राजस्व के चलते बड़ा झटका लगा है। इन दुकानदारों को शुरुआती दिनों में अपने स्टोर बंद रखने के लिए मजबूर होना पड़ा। हालांकि रिटेलर लॉबी ग्रुप अभी भी दुकान मालिकों के साथ बकाए किराए के भुगतान पर बातचीत कर रही है।
नई दिल्ली ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अतुल भार्गव कहते हैं कि कुछ लोग किराए की बातचीत पर सहमति नहीं बना पाए हैं और कुछ अंतरराष्ट्रीय ब्रांड हैं, जिन्हें अपने मुख्यालय से मंजूरी की जरुरत है। बता दें कि ये एसोसिएशन दिल्ली के कनॉट प्लेस में लगभग 1,200 दुकानों का प्रतिनिधित्व करने वाला एक निकाय है।
राजागोपालन के मुताबिक कम से कम अगले कुछ महीनों के लिए पिछले वर्ष की तुलना में औसतन नया व्यापार 40 फीसदी कम होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि मांग सीमित और स्थिर है। लोगों के पास प्रर्याप्त पैसा नहीं है। लोग अपने घरों से काम कर रहे हैं और उनके पास अपना पैसा खर्च करने का कोई सामाजिक अवसर नहीं है।

