लखनऊ के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय से उठा विवाद अभी थम नहीं रहा है। दरअसल सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाली सोनम महाजन ने ट्विटर पर एक पोस्ट को रीट्वीट किया था। सोनम ने इस पोस्ट में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को पासपोर्ट मामले में उनकी भूमिका के लिए जमकर खरी-खोटी सुनाई। इसके बाद सोनम ने निवेदन ​किया कि आप मुझे भी ब्लॉक कर दें। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने तत्काल उस पोस्ट को रीट्वीट किया और कहा,”इंतज़ार क्यों, लीजिए ब्लॉक कर दिया।” सोनम ने जिस पोस्ट को रीट्वीट किया था, ये पोस्ट @UttarPradesh.ORG नाम के ट्विटर अकांउट से की गई थी। इस पोस्ट में उस खबर का हवाला दिया गया था। जिसके आधार पर तन्वी सेठ और अनस सिद्दीकी को उनके पासपोर्ट हाथों-हाथ थमा दिए गए ​थे। ट्वीट में जिक्र था,”क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी पीयूष वर्मा ने एडवर्स रिपोर्ट को कैंसिल कर तन्वी और अनस सिद्दीकी के पासपोर्ट को क्लेरेंस दिया।”

https://twitter.com/AsYouNotWish/status/1013771459615813632

सोनम महाजन ने अपने ट्वीट में लिखा,”ये गुड गवर्नेंस देने आए थे। ये लो भाई, अच्छे दिन आ गए हैं। सुषमा स्वराज जी, मैं पहले कभी आपकी फैन थी और उन लोगों से लड़ा करती थी जो आपको अपशब्द कहा करते थे, अब आप प्लीज, मुझे भी ब्लॉक कर के, ईनाम दीजिए। इंतज़ार रहेगा।” विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सोनम महाजन के इसी ट्वीट को रीट्वीट किया और सिर्फ एक लाइन लिखी। उन्होंने लिखा,”इंतज़ार क्यों? लीजिए ब्लॉक कर दिया।”

अब सोनम महाजन ने विदेश मंत्री के इस ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। सोनम ने ट्वीट करके लिखा है,”बहुत शुक्रिया, मोहतरमा। ये वो सबसे बेहतर काम था, जो आप उन लोगों के साथ कर सकती हैं, जो आपसे तर्कपूर्ण सवाल करते हैं। हमें भी ट्रोल की श्रेणी में डाल दीजिए, आपको वोट इसीलिए तो दिया था। मेरी आशा करती हूं कि आप स्वस्थ रहें और अपने लक्ष्य को पाने में कामयाब रहें।”

दरअसल लखनऊ के मूल निवासी दंपति तन्वी सेठ और अनस सिद्दीकी ने पासपोर्ट के लिए आवेदन दिया था। ये आवेदन उन्होंने लखनऊ के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय में दिया था। पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा ने उनका इंटरव्यू लिया था। बाद में दंपति ने ये आरोप लगाया कि पासपोर्ट अधिकारी ​विकास मिश्रा ने उन्हें धर्म बदलने के लिए कहा।

आनन-फानन में ​पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा का तबादला गोरखपुर कर दिया गया। जबकि पासपोर्ट कार्यालय इस घटना से इतना ज्यादा दबाव में आ गया कि उन्होंने तत्काल दंपति को बुलवाकर हाथों—हाथ पासपोर्ट अगले दिन ही थमा दिए थे। जबकि नियमों के मुताबिक पासपोर्ट सिर्फ डाक से ही भेजा जा सकता है। बाद में इस पूरे मामले पर विदेश मंत्री ने सफाई देते हुए कहा था कि वह इस घटना के वक्त देश से बाहर थीं। इसीलिए उन्हें पूरे घटनाक्रम की जानकारी नहीं मिल सकी।”