दिल्ली जल बोर्ड ने रमजान के दौरान मुस्लिमों को दी जाने वाली शॉर्ट लीव (दो घंटे की छुट्टी) पर रोक लगा दी है। बोर्ड ने पूर्व में जारी किया गया सर्कुलर तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया है। 2 अप्रैल से रमजान शुरू हो गए हैं। इस दौरान मुस्लिम रोजा रखते हैं और पूरा दिन बिना कुछ खाए-पीए भूखे रहते हैं। सोमवार (4 अप्रैल) को रोजादारों के लिए बोर्ड ने सर्कुलर जारी कर कहा था कि मुस्लिम कर्मचारियों-अधिकारियों को दो घंटे की शॉर्ट लीव की अनुमति दी गई है। एनडीएमसी ने भी सर्कुलर वापस लेते हुए एक महीने तक शाम को साढ़े चार बजे ऑफिस से जाने की अनुमति नहीं देने का फैसला लिया है।
जल बोर्ड ने अपने सर्कुलर में कहा था कि उसने मुस्लिम कर्मचारियों को रमजान के दौरान, यानी 3 अप्रैल से 2 मई तक या ईद-उल-फितर की तारीख घोषित होने तक, दिन में लगभग दो घंटे की छुट्टी की अनुमति देने का फैसला किया है। हालांकि इसके साथ यह भी शर्त रखी गई थी कि बाकी समय में कर्मचारियों को अपना काम पूरा करना होगा ताकि ऑफिस का काम प्रभावित ना हो। रमजान इस्लामिक कैलेंडर का नौवां महीना होता है। इस दौरान इस्लाम को मानने वाले सुबह सूरज उगने से पहले से लेकर शाम को सूरज छिपने तक रोजा (उपवास) रखते हैं। इस दौरान ना वे कुछ खाते हैं और ना ही पीते हैं। शाम को रोजा खोलने के बाद ही कुछ खाते-पीते हैं।
जोधपुर में रमजान में मुस्लिम बहुल इलाकों में नहीं कटेगी बिजली
राजस्थान के जोधपुर में रमजान के दौरान मुस्लिम आबादी वाले इलाकों में बिजली नहीं काटने का आदेश दिया गया है। जोधपुर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गृह जिला है। इस आदेश के बाद राज्य की सियासत गरमा गई है और कई नेताओं ने इसे लेकर गहलोत सरकार पर हमला बोला है। बीजेपी नेता शहजाद पूनावाल ने भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि नवरात्रि के दौरान हिंदुओं के लिए कोई एलान नहीं किया गया है। इस बार रमजान और नवरात्रि एक साथ पड़े हैं।
वहीं, दक्षिणी दिल्ली में नवरात्रि के दौरान मंदिर के आस-पास खुले में मीट बेचने वाली दुकानों पर बैन लगाया गया है। दक्षिणी दिल्ली के मेयर का कहना है कि व्रत रखने वाले लोगों को इन दुकानों से गुजरते समय असहजता महसूस होती है और इनकी दुर्गंध से भी परेशानी होती है। इस वजह से हिंदुओं की भावनाएं आहत होती हैं।