प्रदेश कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार अपने चुनावी वादे से मुकर कर महंगाई बढ़ाने के लिए कर में बढ़ोतरी का प्रस्ताव विधानसभा में पास करवाया। प्रदेश कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार द्वारा पारित वैट में दूसरे संशोधन बिल 2015 के द्वारा की गई अधिकतम वृद्धि 20 फीसद से बढ़ाकर 30 फीसद करने के खिलाफ बुधवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया।

मुखर्जी ने कहा कि चुनाव से पहले और अपने घोषणा पत्र में अरविंद केजरीवाल अपने भाषण में कहा करते थे कि उनकी सरकार बनने के बाद दिल्ली में सबसे कम वैट की दरें लागू होंगी परंतु उपरोक्त संशोधन से करों में ओर वृद्धि बढ़ाने का रास्ता साफ किया है जो आने वाले समय में दिल्ली में मंहगाई बढ़ाएगा। मुखर्जी ने बताया कि कांग्रेस ने पहले ही आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार द्वारा 24 हजार करोड़ वैट द्वारा वसूलने की बात को सच्चाई से परे कहकर नकार दिया था। वैट द्वारा कर वसूली में 2.3 फीसद 2014-2015 की कमी आई है जबकि 2013-2014 में यह 13.43 फीसद थी।

आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार के बजट में प्रोजेक्ट वैट से कर वसूली 24 हजार करोड़ का प्रावधान रखा गया है जिसमें छह हजार करोड़ यानी 31.2 फीसद की बढ़ोतरी दिखाई गई है। पांच दिन में ऐसा क्या हुआ कि सरकार जो कहा करती थी कि वे प्रत्येक विषय पर लोगों से चर्चा करेंगे। उन्होंने बिना लोगों की सलाह के उक्त वैट में संशोधन कर दिया। क्या दिल्ली के लोगों से इस विषय पर सलाह ली गई थी? क्या दिल्ली के लोगों ने वैट में उक्त संशोधन के लिए खुशी से अपनी सहमति दे दी थी?