देशभक्ति को लेकर कई बार राष्ट्रीय स्तर पर बहस हो चुकी है। कुछ लोग कहते हैं कि आप राष्ट्रगान नहीं गाएंगे तो हम आपको देशभक्त नहीं मानेंगे। इसको लेकर कई बार विवाद भी हो चुका है। टेलीविजन चैनलों पर भी इसको लेकर बहस होती रहती है। रिपब्लिक टीवी पर राष्ट्रगान को लेकर हुए डिबेट में एंकर अर्नब गोस्वामी ने एआईएमआईएम के प्रवक्ता वारिस पठान से पूछा कि आप राष्ट्रगान क्यों नहीं पढ़ेंगे। 52  मिनट तक आप राष्ट्र के सम्मान के लिए क्यों नहीं खड़े हो सकते हैं।

इस पर वारिस पठान ने कहा कि मुझे आपसे देशभक्ति नहीं सीखनी है। आप मुझे फोर्स नहीं कर सकते हैं। आप हम पर दबाव नहीं डाल सकते हैं। राष्ट्रवाद का मामला अलग है और आप राष्ट्रगान पढ़ने के लिए हमें मजबूर नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आप कौन होते हैं हमें राष्ट्रभक्ति सिखाने वाले। हमें आपके दबाव में नहीं रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह कोई सीखने की चीज नहीं है। यह हमारी आस्था और मजहब से जुड़ा हुआ मामला है। कहा कि आप हमें जन गण मन बोलने के लिए किसी भी तरह का दबाव डालने का हक नहीं रखते हैं। हम आपकी बात सुनने और मानने के लिए बाध्य नहीं है।

इस समय देश के पांच राज्यों में चुनाव चल रहा है। ऐसे में इस तरह के मुद्दों को लेकर बहस तेज हो गई है। पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम और पुडुच्चेरी भाजपा और अन्य दलों के बीच मुकाबले में साम्प्रदायिकता और राष्ट्रवाद जैसे मुद्दे तेजी से उठाए जा रहे हैं।

कुछ दल भाजपा पर देश में नफरत पैदा करने का आरोप लगा रहे हैं तो कुछ अन्य पार्टियां इसे विभाजनकारी ताकत कहती हैं। दूसरी तरफ भाजपा कांग्रेस, एआईएमआईएम आदि दलों को देश के लिए खतरा बता रही है।

हालांकि सभी दल एक दूसरे के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने और दूसरे को सत्ता पर काबिज होने से रोकने के लिए जीतोड़ प्रयास में जुटी रहते हैं। बंगाल समेत सभी चुनावी राज्यों में इसका साफ असर देखा जा रहा है।