आम आदमी पार्टी ने बुधवार को दावा किया कि दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष पार्टी नेता कुमार विश्वास के खिलाफ कार्यवाही बंद करने की बात कह कर उनके पक्ष को सही ठहराया है।
पार्टी ने कहा कि आयोग का यह कहना विश्वास को क्लीन चिट देने के समान है जबकि पार्टी ने ‘राजनीतिक हथियार’ के रूप में आयोग का दुरूपयोग करने पर संस्था की प्रमुख पर हमला बोला। आप के हमले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख बरखा शुक्ला सिंह ने इन सुझावों को खारिज कर दिया कि आयोग ने विश्वास के खिलाफ लगाए गए इन आरोपों को हटा लिया है कि आप की एक स्वयंसेवी के साथ उनके कथित अनुचित मेलजोल के बारे में अफवाहों का उन्होंने खंडन नहीं किया।
आप के नेता और इस मामले में विश्वास के वकील सोमनाथ भारती ने कहा, ‘उन्हें (सिंह) विश्वास से किस तरह के स्पष्टीकरण की जरूरत है। यहां तक कि शिकायतकर्ता ने भी विश्वास पर किसी तरह का आरोप नहीं लगाया है। उसके आरोप उन चार लोगों के बारे में हैं, जिन्होंने उसे सोशल मीडिया पर परेशान किया। आप के दिल्ली संयोजक दिलीप पांडेय ने कहा कि दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख जिस प्रकार की अर्द्ध न्यायिक स्थिति में है, क्या उसका दुरू पयोग जारी रहेगा। मुद्दे के मूल में यही बात है।
पांडेय ने कहा, उन्होंने विश्वास के विरूद्ध एक अतार्किक शिकायत को तवज्जो दी और उनके खिलाफ संवाददाता सम्मेलन भी किया। क्या यह राजनीतिक हथियार के रूप में महिला आयोग के दुरू पयोग की तरह नहीं है।’ उन्होंने भाजपा पर इस तरह की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘क्या उपराज्यपाल के कार्यालय, दिल्ली पुलिस जैसी संस्थाओं को राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ हथियार की तरह इस्तेमाल किया जाना चाहिए जैसा कि वर्तमान में किया जा रहा है।’