कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर बड़ी खतरनाक रही। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि इस लहर ने हर घंटे 11 लोगों की जान ली है और दिन 282 लोगों को अपनी जान से हाथ धोखा पड़ा है। दूसरी यह लहर करीब एक माह तक रही और अधिकारिक तौर पर इस लहर में 12 हजार से अधिक लोगों की जान चली गई। जबकि इस दौरान करीब 16 हजार के आसपास अंतिम संस्कार किए गए।
इसी आकलन के आधार पर अब दिल्ली सरकार प्रतिदिन 37 हजार मामलों के हिसाब से अस्पताल व प्रशासन की तैयारियां कर रही है। रिकार्ड बताते हैं कि 11870 लोगों की जान इस खतरनाक लहर में कोरोना से हुई हैं। जो प्रतिदिन के हिसाब से 282 और हर घंटे के हिसाब से 11 मौत प्रतिघंटा तक रही। इस दौरान में 28395 कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए थे। यह लहर 20 अप्रैल से शुरू हुई और 31 अप्रैल तक इसका व्यापक असर दिल्ली में देखा गया। ये 42 दिन दिल्ली वालों के लिए सबसे अधिक घातक थे। स्थानीय निकायों के आंकड़े के मुताबिक इस दौरान में 15905 संस्कार किए गए हैं। जो प्रतिदिन के हिसाब से 378 और हर घंटे के हिसाब से करीब 15 तक पहुंच गया था।
सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में पहली लहर 23 जून 2020, दूसरी लहर 16 सितंबर 2020, तीसरी लहर 13 नवंबर 2020 और चौथी लहर अप्रैल 2021 में आई। सभी लहरों के बीच न्यूनतम 2-3 महीने का समय अंतराल रहा है।
कोरोना योद्धा के परिवार को सौंपी एक करोड़ की सहायता राशि
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने शनिवार को कोरोना योद्धा दीपचंद के परिवार को एक करोड़ रुपए की राहत राशि का चेक सौंपा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्वर्गीय दीपचंद ऐसे कोरोना योद्धा थे जिन्होंने दूसरों की जान बचाते हुए अपने जीवन का बलिदान दिया है।
दीप चंद केवल 48 वर्ष के थे जब वे कोरोना संक्रमण के कारण इस दुनिया से चले गए। दीप चंद के परिवार में उनके माता-पिता के साथ-साथ पत्नी और दो बच्चे हैं।