संसद के निचले सदन में कार्यवाही के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आंख मारने का वीडियो सामने आने के बाद पार्टी एक बार फिर निशाने पर आ गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अलावा सोशल मीडिया यूजर्स ने राहुल गांधी पर तंज कसा है। दरअसल शुक्रवार (4 जनवरी, 2018) को कांग्रेस अध्यक्ष ने लोकसभा कार्यवाही के दौरान उस वक्त आंख मारी जब AIADMK लीडर एम थंबीदुरई ने राफेल मुद्दे पर बहस के दौरान सत्तापक्ष से दो सवाल पूछे। थंबीदुरई सदन में जब सवाल पूछ रहे थे तब AIADMK लीडर के ठीक पीछे बैठे राहुल गांधी ने बाईं तरफ देखकर आंख मार दी। कांग्रेस अध्यक्ष के आंख मारने का यह वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है।
भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय इंचार्ज प्रीति गांधी ने राहुल गांधी का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘ऐसा तब होता है जब सत्ता उन लोगों के हाथ में दे दी जाए जो इसके लायक ना हों। दोबारा ऐसा हुआ। राहुल गांधी की संसद में बचकाना हरकत। एक ऐसी जगह जहां राष्ट्र निर्माण का गंभीर कार्य हो रहा है। बहुत निराशाजनक।’ भाजपा आईटी सेल के इंचार्ज अमित मालवीय ने भी ट्वीट किया। ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘राहुल गांधी ने फिर आंख मारी। ऐसा तब हुआ जब राफेल बहस के दौरान सब गंभीर थे। उन्हें मदद की जरुरत है।’
जानना चाहिए कि 20 जुलाई, 2018 को लोकसभा में अपने भाषण और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गले लगाने के बाद राहुल गांधी जब अपनी सीट पर जाकर बैठे तब भी उन्होंने आंख मारी थी। तब सोशल मीडिया में सदन में उनकी गंभीरता को लेकर सवाल उठे थे।
This is what happens when power is given in the hands of those who don’t deserve it!! Yet again, @RahulGandhi childishly winking in the parliament – a place where the serious task of nation building is taking shape. So disappointing!! pic.twitter.com/slp1ipoYbm
— Priti Gandhi (@MrsGandhi) January 4, 2019
Rahul Gandhi ‘winks’ again… This time during the all serious debate on #Rafale. He surely needs help! pic.twitter.com/rncFdTlphU
— Amit Malviya (@amitmalviya) January 4, 2019
गौरतलब है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को लोकसभा एम थंबीदुरई के अलावा शशि थरूर और बी. महताब के सवालों के जवाब दिए। प्रशनकाल के दौरान उन्होंने कहा कि वित्त आयोग को पूरे देश में संसांधनों के वितरण में संतुलन बनाना होता है और आगे भी संतुलन बनाए रखा जाएगा। जो राज्य सामाजिक-आर्थिक रूप से कम विकसित हैं उनको कम संसाधन नहीं दिए जा सकते क्योंकि ऐसा करने से गरीब राज्य गरीब रह जाएंगे और विकसित राज्य और भी विकसित हो जाएंगे। दरअसल थंबीदुरई का एक सवाल यह भी था कि जनसंख्या नियंत्रण करने वाले केरल एवं तमिलनाडु जैसे राज्यों के अधिकारों का संसाधनों के वितरण में हनन नहीं किया जा सकता।