राज्यसभा में बुधवार (11 मई) को कांग्रेस के सुब्बीरामी रेड्डी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक कार्यक्रम में एसपीजी कर्मियों के व्यवहार से कुछ सांसदों के सम्मान व गरिमा का कथित हनन होने का आरोप लगाते हुए आसन से जानना चाहा कि उन्होंने इस बारे में विशेषाधिकार हनन का जो नोटिस दिया है उसका क्या हुआ। इस पर उपसभापति पीजे कुरियन ने कहा कि सभापति उस नोटिस पर विचार कर रहे हैं। कांग्रेस सदस्यों की मांग थी कि एसपीजी कर्मियों को सांसदों के प्रति शिष्ट व्यवहार करना चाहिए।
रेड्डी ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि कई बार एसपीजी कर्मियों के व्यवहार से सांसदों के सम्मान व गरिमा को ठेस पहुंचती हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का कुछ दिनों पहले विशाखापत्तनम में एक कार्यक्रम हुआ था। उस कार्यक्रम में उन्हें खुद एसपीजी कर्मियों के हाथों यह अपमानजनक बर्ताव झेलना पड़ा। उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्होंने नियम 188 के तहत विशेषाधिकार हनन का एक नोटिस दिया है। उन्होंने आसन से जानना चाहा कि उनके नोटिस पर क्या फैसला किया गया।
कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा ने इसे गंभीर मुद्दा बताते हुए कहा कि यह एक सदस्य के विशेषाधिकार से जुड़ा मामला है। उन्होंने कहा कि जब खुद सदस्य ही इस बारे में सूचना दे रहा है तो सदन को उसका संज्ञान लेना चाहिए। उपसभापति पीजे कुरियन ने कहा कि चूंकि खुद संबंधित सदस्य ने इस बारे में नोटिस दिया है इसलिए सभापति उस पर फैसला करेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में सभापति मामले के गुण-दोष आदि के आधार पर फैसला करते हैं। उन्होंने कहा कि रेड्डी का नोटिस सभापति के समक्ष विचाराधीन है। उस पर जो भी फैसला किया जाएगा संबंधित सदस्य को उससे अवगत करा दिया जाएगा।
इसी दौरान भाजपा नेता सुब्रह्मण्य स्वामी ने कहा कि नोटिस के दायरे में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी की सुरक्षा में लगे एसपीजी को भी लाया जाना चाहिए। उनकी इस टिप्पणी का कांग्रेस सदस्यों ने कड़ा प्रतिवाद किया।
इससे पहले कांग्रेस के मधुसूदन मिस्त्री ने गुजरात सरकार की कंपनी जीएसपीसी द्वारा उसकी केजी बेसिन गैस परियोजना में 20 हजार करोड़ रुपए की कथित अनियमितता का मुद्दा उठाते हुए सदन में इस पर चर्चा कराने एवं सरकार के जवाब की मांग की। मिस्त्री ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि उन्होंने 10 दिन पहले अल्पकालिक चर्चा के लिए आवेदन दिया था।
उन्होंने पूछा-‘उसे चर्चा के लिए सूचित क्यों नहीं किया गया।’ उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा ठेके पर दिए गए केजी बेसिन के एक ब्लाक में गुजरात राज्य पेट्रोलियम कार्पोरेशन (जीपीएससी) परिचालन करती है और उसे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने कर्ज दिया था। इस पर कुरियन ने कहा कि सभापति समय की उपलब्धता विषय के गुण दोष और संबंध मंत्री की उपलब्धता आदि बातों को ध्यान में रख कर अल्पकालिक चर्चा के संबंध में फैसला करते हैं।
कांग्रेस सदस्य जब इस मुद्दे पर चर्चा कराने को लेकर जोर देते रहे तो कुरियन ने कहा-‘आप प्रश्न कर सकते हैं। आपके नोटिस का क्या हुआ, इस बारे में पता करना आपका अधिकार है। मैंने आपको बताया कि सभापति इस पर गौर कर रहे हैं। आप सभापति पर प्रश्न नहीं उठा सकते।’ मिस्त्री ने इस बात पर भी आपत्ति जताई कि मंत्री की उपलब्धता के आधार पर चर्चा तय होगी। उन्होंने कहा कि मंत्री की जवाबदेही संसद के प्रति है।
शून्यकाल में ही कांग्रेस के संजय सिंह ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में यूकेलिप्टस के पौधे लगाये जाने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि यह वृक्ष बहुत पानी खींचता है। इसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लगाया जाना बिल्कुल उपयुक्त नहीं है जहां भूमिगत जल का स्तर बहुत नीचे चला गया है। बीजद के भूपेंद्र सिंह ने भूमिगत जल का स्तर गिरने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इसे बरकरार रखने के लिए फौरन कई कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में पौधे लगाए जाना अनिवार्य किया जाए। साथ ही जैविक खेती को प्रोत्साहन दिया जाए।
निर्दलीय एवी स्वामी ने देश विशेषकर ओड़ीशा के कुछ क्षेत्रों में बंधुआ मजदूरों से जुड़ा मुद्दा उठाया। उन्होंने बंधुआ मजदूरों के पुनर्वास के लिए समुचित कदम उठाए जाने की मांग की। कांग्रेस की विप्लव ठाकुर ने पठानकोट एक्सप्रेस का ठहराव पठानकोट की जगह नक्की बैंक स्टेशन किए जाने के रेलवे के फैसले से पंजाब व हिमाचल के लोगों को होने वाली परेशानी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इस फैसले को वापस लिया जाना चाहिए। इसी पार्टी के के रहमान खान ने राष्ट्रीय वक्फ विकास निगम की स्थापना के बाद उसके द्वारा कोई भी काम नहीं किए जाने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सरकार को इस दिशा में गंभीरता दिखानी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश भर में वक्फ की संपत्ति की सुरक्षा आवश्यक है।
जद (एकी) के शरद यादव ने पूर्ववर्ती अटल बिहारी वाजपेयी सरकार द्वारा देश के विभिन्न राज्यों में एम्स खोले जाने के फैसले पर अधिक काम नहीं होने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि आज देश के सरकारी अस्पतालों की स्थिति बहुत ही खराब है। उन्होंने कहा कि राज्यों में खोले जाने वाले एम्स के लिए चिकित्सकों व अन्य स्टाफ की भर्ती भी तुरंत की जानी चाहिए।
भाजपा के स्वेत मलिक ने शून्यकाल में अमृतसर के पास सीमावर्ती क्षेत्र पट्टी को रेल नेटवर्क से जोड़ने के रेल मंत्रालय के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र के लोगों की काफी समय से मांग रही थी। कांग्रेस के नरेंद्र बुढ़ानिया ने राजस्थान में माइनर नहरों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि राज्य में पानी की बहुत कमी है। सरकार को राज्य की नहरों के रखरखाव पर ध्यान देना चाहिए।
द्रमुक के केपी रामालिंगम ने मेडिकल व डेंटल पाठ्यक्रमों के लिए राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इस परीक्षा का पाठ्यक्रम सीबीईएसी के आधार पर तय किए जाने से क्षेत्रीय शिक्षा बोर्ड से पढ़ने वाले बच्चों के हितों के साथ अन्याय होगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय शिक्षा बोर्ड के छात्रों के हितों की रक्षा की जानी चाहिए। उन्होंने यह मांग की कि इस मामले में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसला को निष्प्रभावी करने के लिए सरकार को कदम उठाने चाहिए।
तृणमूल कांग्रेस के नदीमुल हक ने वन क्षेत्रों में खनन के कारण होने वाले पर्यावरण दुष्प्रभावों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सरकार को खनन के पट्टे देते समय पर्यावरण चिंताओं की अनदेखी नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पर्यावरण मंत्रालय को वन एवं जल की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए।
