सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार (5 नंवबर) को अयोध्या मामले की सुनवाई के दौरान वरिष्ठ कांग्रेस नेता और केस में सुन्नी वक्फ बोर्ड की पैरवी कर रहे कपिल सिब्बल ने अदालत से अपील की कि अयोध्या मामले की सुनवाई जुलाई 2019 के बाद की जाए। अयोध्या केस की सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर ने कपिल सिब्बल के इस आग्रह को बहुत गंभीरता से लिया। बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट में कपिल सिब्बल के इस रूख के पर सवाल उठाया है। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि एक ओर तो राहुल गांधी मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना करते हैं दूसरी ओर उन्हीं की पार्टी के नेता राम मंदिर केस में सुनवाई में देरी करना चाहते हैं। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्वीट कर कहा है कि वे इस मामले में सुन्नी वक्फ बोर्ड से ज्यादा कांग्रेस का विचार रख रहे हैं। संबित पात्रा ने ट्वीट किया, ‘सुन्नी वक्फ बोर्ड को 2019 के चुनावों से क्या लेना-देना है, आज कपिल सिब्बल की सच्चाई सामने आ गई है…वो वक्फ बोर्ड से ज्यादा कांग्रेस के विचारों को दर्शाते हैं? राहुल गांधी को अब बोलना चाहिए कि क्या वह मंदिर के साथ हैं या फिर उनकी कुछ और राय है।’
Rahul ji is visiting temples in Gujarat but on the other hand Kapil Sibal is being used to delay Ram janmbhoomi case. Rahul ji should tell us what his view on this is: Amit Shah pic.twitter.com/dDwuV1YfXl
— ANI (@ANI) December 5, 2017
What has the Sunni Waqf Board to do with 2019 Elections?
Kapil Sibal totally exposed ..represents the Congress’ views more than the Waqf Board’s view?@OfficeOfRG should speak out whether He stands with the TEMPLE or otherwise! https://t.co/VdaTElWrVg— Sambit Patra (@sambitswaraj) December 5, 2017
बीजेपी नेता जीवीएल नरसिम्हा राव ने भी इस मुद्दे पर कपिल सिब्बल पर हमला किया है। जीवीएल नरसिम्हा राव ने ट्वीट किया, ‘ अयोध्या विवाद में कपिल सिब्बल कांग्रेस के वकील हैं, या सुन्नी वक्फ बोर्ड के जो वह इस मामले की सुनवाई को 2019 के चुनावों तक टलवाना चाहते हैं। स्व घोषित शिव भक्त भगवान राम के खिलाफ क्यों हो गये हैं? कांग्रेस अयोध्या मामले पर राजनीति कर रही है।’ बता दें कि राहुल गांधी ने गुजरात चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि वो एक शिव भक्त हैं।
Kapil Sibal will be defending the claim of Sunni Wakf Board against Ram Mandir for fat fee. Some Shiva Bakhts!!
— Subramanian Swamy (@Swamy39) December 5, 2017
Is Kapil Sibal Congress party’s counsel or Sunni Waqf Board counsel in Ayodhya dispute for seeking postponement of the court hearing until after 2019 polls? Why has the self-deluded Shiv Bhakt turned against Lord Ram? The Congress is guilty of politicising the Ayodhya court case.
— GVL Narasimha Rao (@GVLNRAO) December 5, 2017
बता दें कि उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या में रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद मालिकाना हक प्रकरण में उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर दीवानी अपीलों पर अगले साल आठ फरवरी को सुनवाई करने का निश्चय किया है। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की तीन सदस्यीय विशेष खंडपीठ ने इस प्रकरण के सभी एडवोकेट्स आन रिकार्ड से कहा कि वे एक साथ बैठकर यह सुनिश्चित करें कि शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री में दाखिल करने से पहले सभी जरूरी दस्तावेजों का अनुवाद हो गया हो और उनपर संख्या लिखी जा चुकी हो। इस मामले में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर वकीलों को रजिस्ट्री से संपर्क करने का निर्देश दिया गया है।