बीजेपी के पूर्व सांसद सुब्रमणयम स्वामी मोदी सरकार के खिलाफ खासे तल्ख रहते हैं। अब बीजेपी से भी उनका 36 का आंकड़ा बनता दिख रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने इस बार अपनी ही पार्टी के नेताओं पर तीखा निशाना साधा है। उनका कहना है कि बगैर कुछ किए धरे बीजेपी के नेता श्रेय लेने की कोशिश करते हैं।

स्वामी ने कहा कि बीजेपी के पदाधिकारी पार्टी के मेनीफेस्टों को लागू कराने की दिशा में कोई काम नहीं करते। हां ये जरूर है कि वो दूसरे के किए गए कामों को अपना बताकर क्रेडिट लेने की कोशिश जरूर करते हैं। उनका कहना है कि बात चाहें गांधी परिवार से जुड़े नेशनल हेराल्ड केस, राम मंदिर मामले की हो या फिर राम सेतु की। सभी मामलों में इन नेताओं ने पूरा श्रेय लेने की कोशिश की। जैसे कि इन लोगों ने ही इन केसों को अंजाम तक पहुंचाया।

ध्यान रहे कि बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 के आखिर में ईडी को चिट्ठी लिखकर नेशनल हेराल्ड मामले की जांच कराने की मांग की थी। हालांकि केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद 2014 में ही ईडी के डायरेक्टर ने राजस्व सचिव चिट्ठी लिखकर कहा था कि इस मामले में सोनिया- राहुल के खिलाफ जांच का कोई आधार नहीं है। लिहाजा इस मामले को बंद किया जाए। इसके बाद स्वामी ने पीएम मोदी को दो बार चिट्ठी लिखकर राजन कटोच पर गंभीर आरोप लगाए।

सुब्रमणयम स्वामी ने कहा कि कटोच कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के रिश्तेदार हैं। लिहाजा उन्होंने कांग्रेस का पक्ष लेते हुए जांच बंद कर दी है। उस समय राजन कटोच भारी उद्योग मंत्रालय में सचिव थे और उनके पास ईडी के डायरेक्टर का अतिरिक्त प्रभार था। सुब्रमण्यन स्वामी की शिकायत के बाद उनसे ईडी का प्रभार वापस ले लिया गया था और कर्नल सिंह को इसका डायरेक्टर बनाया था। कर्नल सिंह ने 2015 में इस मामले की जांच दोबारा शुरू कर दी थी।

अयोध्या के राम मंदिर के साथ राम सेतु के अस्तित्व को लेकर भी स्वामी ने ही कोर्ट का दरवाया खटखटाया था। इसे लेकर वो कई बार अपने अनुभव साझा कर चुके हैं। लेकिन बीजेपी के नेता इन तमाम मामलों को अपनी उपलब्धि बताने से नहीं चूकते हैं।