दिल्ली सरकार और उप राज्यपाल के बीच ताजा टकराव के बीच भाजपा की दिल्ली इकाई ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर ‘तानाशाही रवैया अपनाने’ का आरोप लगाते हुए आज कहा कि केजरीवाल मुख्यमंत्री और उप राज्यपाल दोनों की भूमिका निभाना चाहते हैं।
भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा, ‘‘केजरीवाल सरकार उप राज्यपाल के साथ टकराव मोल ले रही है। केजरीवाल सरकार सिर्फ राजनीति कर रही है और संविधान की मर्यादाओं को तार-तार कर रही है। उनकी मूल प्रवृत्ति तानाशाही की है। यही उन्होंने अपनी पार्टी में किया और अब सरकार में करना चाहते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘केजरीवाल मुख्यमंत्री और उप राज्यपाल दोनों की भूमिका में रहना चाहते हैं। उनका बस चले तो वह मेयर की भूमिका भी निभाएं।…सरकार निजी पसंद-नापंसद से नहीं चलती। सरकार संविधान के मुताबिक चलती है। मुख्यमंत्री और उप राज्यपाल दोनों के काम पहले से तय हैं। परंतु केजरीवाल सरकार नहीं चला रहे, सिर्फ सुर्खियों में बने रहना चाहते हैं।’’
गौरतलब है कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार और उप राज्यपाल नजीब जंग के बीच ताजा टकराव आईएएस अधिकारी शकुंतला गैमलिन को कुछ दिन के लिए कार्यवाहक मुख्य सचिव बनाए जाने को लेकर शुरू हुआ है। मुख्य सचिव केके शर्मा के 10 दिन के लिए छुट्टी पर जाने के कारण जंग ने शकुंतला को कार्यवाहक मुख्य सचिव नियुक्त किया। केजरीवाल सरकार का आरोप है कि उप राज्यपाल ने यह निर्णय निर्वाचित सरकार को दरकिनार करके किया है, लेकिन उप राज्यपाल की ओर से इसका खंडन किया गया है। इससे पहले भी उप राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच टकराव की स्थिति देखी गई है।
दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष उपाध्याय ने उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के उस आरोप को खारिज कर दिया कि भाजपा उप राज्यपाल के जरिए दिल्ली की सत्ता हथियाना चाहती है।
उन्होंने कहा, ‘‘इन लोगों को सिर्फ मीडिया में बने रहने की आदत है। इन लोगों ने पहले आरोप लगाया कि भाजपा दिल्ली में चुनाव नहीं कराना चाहती और फिर उप राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर सरकार बनने की संभावना की बात की। ये बार बार अलग अलग बयान देते रहे हैं।’’
उपाध्याय ने केजरीवाल सरकार पर ‘महिला विरोधी’ होने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘ये लोग महिला विरोधी हैं। इन्होंने महिला आईएएस अधिकारी शकुंतला (गैमलिन) की नियुक्ति का विरोध किया। इन्होंने दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष को दिए गए नोटिस में धमकी भरी भाषा का इस्तेमाल किया। यही नहीं, महिला हेल्पलाइन में काम करने वाली एक लड़की ने खुदकुशी की कोशिश की।…इस सरकार ने महिला सुरक्षा को लेकर खूब वादे किए थे, लेकिन इस दिशा में कुछ नहीं कर रही है।’’