दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विदेश यात्राओं पर सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या निवेश की खातिर उनका गूगल और फेसबुक जैसी कंपनियों में जाना मुनासिब है। पार्टी ने एफडीआई में गिरावट का दावा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की यात्राओं ने कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है।
आयरलैंड और अमेरिका की मोदी की यात्रा पर केजरीवाल ने पूछा कि प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं से देश ने क्या हासिल किया। उन्होंने फेसबुक मुख्यालय और गूगल कैम्पस सहित अन्य स्थानों पर प्रधानमंत्री के जाने की आलोचना की।
मुख्यमंत्री ने कई ट्वीट कर कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा संपन्न हो गई। यह जानने का वक्त आ गया है कि उनकी विदेश यात्राओं से देश ने अब तक क्या हासिल किया है? क्या यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री को शोभा देता है कि वह निवेश मांगने चुनींदा कंपनियों में जाएं।’’
आप ने अलग से कहा कि असल मुद्दा यह है कि प्रधानमंत्री विदेशों में खुद को कैसे पेश करते हैं। वह तथ्यात्मक रूप से गलत बयान देते हैं और धर्मनिरपेक्षता पर हमले कर देश के मूल ढांचे को निशाना भी बनाते हैं।
केजरीवाल ने जोर दिया कि देश को पहले बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह खुद ब खुद निवेश आकर्षित करेगा। उन्होंने कहा कि उदाहरण के तौर पर चीन ने सबसे पहले चीन को खड़ा किया और फिर सभी कंपनियों ने चीन में निवेश में रुचि ली। इसलिए पहले भारत बनाइए। यदि हम भारत को मजबूत बनाएंगे तो निवेश हमारी शर्तों पर आएगा, अन्यथा निवेशक शर्तें थोपेंगे।
आप नेता आशुतोष ने कहा कि प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं जिन पर चर्चा करने की जरूरत है। पार्टी के नेता दिलीप पांडे ने कहा कि असल मुद्दा यह है कि प्रधानमंत्री विदेशों में खुद को कैसे पेश करते हैं।
भाजपा ने प्रधानमंत्री पर केजरीवाल के हमले के बाद आप नेता को जवाब देते हुए उन्हें हताशा का शिकार बताया और उनकी टिप्पणियों को खबरों में बने रहने की कोशिश करार दिया। दिल्ली भाजपा प्रमुख सतीश उपाध्याय ने कहा कि अरविंद केजरीवाल आप विधायकों के खराब कार्य प्रदर्शन और भ्रष्ट कार्यों को लेकर हताशा के दौर से गुजर रहे हैं जिन्होंने जनता से अपना संपर्क काट लिया है।
उपाध्याय ने केजरीवाल को मोदी की विदेश यात्राओं से जुड़े मुद्दे पर टिप्पणी करने से पहले विदेश नीति की समझ विकसित करने की भी सलाह दी।