भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के साथ दिग्गज समाज सेवी अरुणा राय के साथ योगेंद्र यादव कदमताल करते दिखेंगे। दोनों ने यात्रा में शामिल होने के लिए सहमति व्यक्त की है। योगेंद्र यादव ने कहा कि वो सर्वसम्मति से इस यात्रा का स्वागत करते हैं और अपने-अपने तरीके से इस यात्रा से जुड़ेंगे। हम अपील जारी करेंगे कि दूसरे जन संगठन भी इस यात्रा से जुड़ें।

सोमवार सुबह राहुल गांधी ने सिविल सोसाइटी के लोगों से मुलाकात की थी और कांस्टीट्यूशन क्लब में उनके सवालों के जवाब दिए। इससे पहले सोनिया गांधी ने भी सिविल सासोयटी को एक चिट्ठी लिखी थी। कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने आज कहा था कि यात्रा सिविल सोसाइटी के लोगों के द्वारा आगे बढ़ाई जाएगी। इसमें देश के 22 राज्यों से लगभग 150 सिविल सोसाइटी के लोगों से बातचीत की गई है।

उधर राहुल गांधी ने इस यात्रा के उद्देश्य का जिक्र करते हुए कहा कि इस यात्रा में मेरे साथ कोई चले न चले, मैं अकेला चलूंगा। राहुल गांधी ने सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों से आज कहा “मैं जानता हूं कि यह देश को जोड़ने की लंबी लड़ाई है। मैं इस लड़ाई के लिए तैयार हूं। राहुल ने कहा कि भारत की राजनीति का ध्रुवीकरण हो गया है। हम अपनी यात्रा में लोगों को बताएंगे कि कैसे एक तरफ आरएसएस की विचारधारा है और दूसरी तरफ हम लोगों की सबको साथ लेकर चलने की विचारधारा है।

कांग्रेस ने सात सितंबर से भारत जोड़ो यात्रा शुरू करने की योजना बनाई है। 150 दिनों तक चलने वाली 3500 किलोमीटर लंबी इस यात्रा की शुरुआत देश के दक्षिणी हिस्से के कन्याकुमारी से होगी और विभिन्न राज्यों से गुजरते हुए उत्तर के कश्मीर में इसका समापन होगा। यात्रा के जरिये कांग्रेस ने संकेत देने की कोशिश भी की है कि वह सीबीआई और ईडी की छापेमारी से अपना राजनीतिक अभियान कमजोर पड़ने देगी।

यात्रा की योजना ऐसे समय में बनाई है जब नीतीश कुमार और अरविंद केजरीवाल जैसे नेता प्रधानमंत्री पद के लिए अपनी-अपनी दावेदारी ठोकना शुरू कर चुके हैं। पार्टी के अंदर भी आनंद शर्मा और गुलाम नबी आजाद जैसे नेता पार्टी से अलग रुख अपनाते हुए दिखाई पड़ रहे हैं। दूसरी तरफ यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब पार्टी अपने नए अध्यक्ष को लेकर मंथन कर रही है। 21 अगस्त से पार्टी अध्यक्ष के लिए शुरू हुई चुनावी प्रक्रिया 20 सितंबर तक समाप्त हो जाएगी। सितंबर में पार्टी को अध्यक्ष मिल जाएगा।