दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट मामले में दिल्ली की एक कोर्ट ने सीएम केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को नोटिस भेजा है। दिल्ली सीएम को इससे पहले मजिस्ट्रेट कोर्ट ने इस मामले में बरी कर दिया था।
यह घटना 2018 की है, जब तत्कालीन मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने सीएम समेत कई आप नेताओं पर मारपीट करने का आरोप लगाया था। अब इसी मामले में विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने केजरीवाल, सिसोदिया समेत नौ अन्य को नोटिस जारी किया है। दरअसल मजिस्ट्रेट अदालत के फैसले के खिलाफ अंशु प्रकाश कोर्ट चले गए, जहां से सोमवार को इन्हें नोटिस भेजा गया है।
कोर्ट ने केजरीवाल, सिसोदिया के साथ-साथ आप विधायक- राजेश ऋषि, नितिन त्यागी, प्रवीण कुमार, अजय दत्त, संजीव झा, ऋतुराज गोविंद, राजेश गुप्ता, मदन लाल और दिनेश मोहनिया को नोटिस जारी किया है। इस मामले में अब 23 नंवबर को सुनवाई होगी। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सचिन गुप्ता ने 2018 में तत्कालीन मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ कथित हाथापाई से जुड़े मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के नौ अन्य विधायकों को आरोप-मुक्त कर दिया था।
इन 11 नेताओं के अलावा, अदालत ने आप विधायक अमानतुल्लाह खान और प्रकाश जरवाल को भी नोटिस जारी किया, जिनके खिलाफ अदालत ने आरोप तय करने का आदेश दिया था। अंशु प्रकाश ने खान और जारवाल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 506 सहित अतिरिक्त आरोप तय करने का भी अनुरोध किया है। अंशु प्रकाश की ओर से वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा और कुमार वैभव ने कोर्ट में कहा कि मजिस्ट्रेट अदालत ने अपने अगस्त के आदेश में केजरीवाल और अन्य को आरोपमुक्त करने में गलती की है।
यह मामला 19 फरवरी, 2018 का है, जब सीएम केजरीवाल के आधिकारिक आवास पर एक बैठक के दौरान तब के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने इनपर मारपीट का आरोप लगाया था। इस घटना के बाद से दिल्ली सरकार और अधिकारियों के बीच गतिरोध उत्पन्न हो गया था। इस मामले पर बीजेपी ने केजरीवाल सरकार पर कई गंभीर आरोप भी लगाए थे।