एम के मीणा के नेतृत्व वाली भ्रष्टाचार निरोधी शाखा (एसीबी) ने आज दिल्ली सरकार द्वारा प्याज की खरीद और बिक्री में कथित गड़बड़ियों की जांच का आदेश दिया। दिल्ली सरकार ने मीणा पर केंद्र के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया और दोहराया कि इसमें कोई भी गड़बड़ नहीं हुई है।
उपराज्यपाल ने मीणा की नियुक्ति की थी जबकि आप सरकार ने उनकी नियुक्ति का विरोध किया था। दो दिन पहले आरटीआई कार्यकर्ता और भाजपा नेता विवेक गर्ग ने एसीबी से शिकायत कर मामले की जांच की मांग की थी।
एसीबी सूत्रों ने कहा कि एक अलग टीम का गठन किया गया है और जांच शुरू हो चुकी है। उन्होंने कहा, ‘‘शुरू में एक पांच सदस्यीय टीम गठित की गयी लेकिन जब और जैसे जरूरत पड़ी तो और लोगों को भी शामिल किया जाएगा।’’
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दिल्ली सरकार प्याज की खरीद से जुड़ी कोई भी जांच कराने को तैयार है लेकिन हैरानी जतायी कि केंद्र सीएनजी फिटनेस घोटाले में निष्पक्ष जांच सुनिश्चित कराने में सहयोग नहीं कर रहा।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने आज सुना कि मोदीजी ने इसकी एसीबी से जांच शुरू करायी है क्योंकि एसीबी इस समय उनके अधीन काम कर रही है। एसीबी के प्रमुख एम के मीणा ने खुलेआम कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से निर्देश मिले हैं, यहां तक कि केंद्र सरकार यह भी कहती है कि एसीबी उसकी है। एसीबी मोदी सरकार के इशारे पर कथित प्याज घोटाले की जांच कर रही है और हम किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार हैं।’’
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्याज की खरीद से जुड़ी सभी फाइलें ‘देश और मीडिया’ के सामने रखी गयी हैं। सिसौदिया ने कहा, ‘‘हम पीएमओ को भी सभी फाइलें भेज देंगे लेकिन हम चाहते हैं कि मोदीजी भी उपराज्यपाल से 100 करोड़ रुपए के सीएनजी फिटनेस घोटाले से जुड़ी सभी फाइलें हमारे जांच आयोग को भेजें। वह (उपराज्यपाल) जांच से दूर भाग रहे हैं।’’
दिल्ली सरकार ने रविवार को रियायती दरों पर प्याज की खरीद और बिक्री में किसी भी तरह की गड़बड़ी की खबरों को खारिज कर दिया था। सिसौदिया ने आरोपों को खारिज करते हुए यह भी संकेत दिया था कि सरकार उसे ‘बदनाम’ करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है।
दिल्ली सरकार ने दावा किया था कि प्याज 32.86 रुपए प्रति किलो की दर से एसएफएसी (लघु कृषक कृषि व्यापार संघ) से खरीदे गए थे जो कि केंद्र सरकार की एजेंसी है। उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘दिल्ली सरकार ने अपनी उचित मूल्य की दुकानों (एफपीपी) के माध्यम से लोगों के लिए प्याज 30 रुपए की कीमत पर उपलब्ध कराने की कोशिश की जबकि केंद्र की दुकानों में यह 38 से 40 रुपए की कीमत पर बेचा जा रहा है। सफल प्याज 38-40 रुपए की कीमत पर जबकि डीएमएस 35 रुपए की कीमत पर बेच रहा है।’’