अपनी पार्टी के विधायक सुरेंद्र सिंह की गिरफ्तारी और कथित सीएनजी फिटनेस घोटाले की जांच के लिए दिल्ली सरकार की ओर से गठित आयोग को गृह मंत्रालय की ओर से ‘‘विधिक रूप से अवैध’’ करार दिये जाने से तिलमिलाये आप ने केंद्र पर राज्य सरकार को निशाना बनाने और ‘‘भ्रष्टों को बचाने’’ का आरोप लगाया।
आप नेता आशुतोष ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि गृह मंत्रालय द्वारा घोटाले का जांच करने वाले आयोग को ‘‘विधिक रूप से अवैध’’ करार देना स्पष्ट रूप से संवैधानिक रूप से अनुचित है। उन्होंने इसके साथ ही राज्य सरकार की ओर से एक जांच आयोग गठित करने का अधिकार ‘‘छीनने’’ के कदम पर भी सवाल खड़ा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र घोटाले में शामिल राजनेताओं और नौकरशाहों को ‘‘बचाने’’ का प्रयास कर रहा है।
आशुतोष ने कहा, ‘‘यह कदम भ्रष्टाचार से सीधा समझौता है और दिल्ली के उपराज्यपाल (नजीब जंग) को बचाने का हताशा भरा कदम है जिनकी भूमिका सीएनजी घोटाले में संदिग्ध है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह समझ से परे है कि नरेंद्र मोदी सरकार करोड़ों रुपये के घोटाले को क्यों दबाने का प्रयास कर रही है जो शीला दीक्षित के कार्यकाल के दौरान जारी रहा और जिसमें कई मंत्री, नौकरशाह घेरे में हैं।’’
आप विधायक सुरेंद्र सिंह का बचाव करते हुए पार्टी ने कह कि विधायक दुकानदार से रिश्वत लेने के एनडीएमसी अधिकारियों के कथित प्रयास का विरोध कर रहे थे लेकिन उन्होंने उससे हाथापाई नहीं की। उन्होंने सिंह के खिलाफ अनुसूचित जाति:जनजाति कानून की धाराओं के तहत मामला दर्ज करने पर हैरानी जतायी और कहा कि उन्हें तो यह पता भी नहीं था कि एनडीएमसी अधिकारी एक विशेष जाति का है।