शिवसेना में मची उथल पुथल थमने का नाम नहीं ले रही है। विधायकों की बगावत के बाद उद्धव ठाकरे को सीएम पद गंवाना पड़ा। अब लोकसभा में पार्टी के सांसद भी बगावती तेवर अख्तियार कर रहे हैं। 19 में से 12 सांसदों ने लोकसभा स्पीकर को पत्र लिखकर राहुल शिवाले को अपना नेता और भावना गवली को चीफ व्हिप बनाने की अपील की है। उधर बीजेपी का कहना है कि लोकसभा में 19 में से 14 सांसद अब ठाकरे के साथ नहीं हैं। ये सारे सांसद अब एकनाथ शिंदे कैंप के साथ आ चुके हैं।
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने पहले ही राजन विचारे को सांसद भावना गवली की जगह लोकसभा में पार्टी का मुख्य सचेतक नामित कर दिया था। लोकसभा स्पीकर को इस आशय का पत्र भेजा गया है। लोकसभा में शिवसेना नेता विनायक राउत ने ओम बिड़ला को लिखे पत्र में कहा कि शिवसेना संसदीय दल ने राजन विचारे को भावना गवली के स्थान पर लोकसभा में तत्काल प्रभाव से मुख्य सचेतक नामित किया है।
भावना गवली महाराष्ट्र में यवतमाल-वाशिम लोकसभा संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं। वह शिवसेना के उन सांसदों में से एक हैं जिन्होंने सुझाव दिया था कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में विद्रोह के बीच शिवसेना को फिर से बीजेपी के साथ गठबंधन कर लेना चाहिए। उसके बाद से उद्धव ठाकरे उनसे खफा चल रहे थे।
उद्धव ठाकरे गुट ने ये बदलाव ऐसे समय में किया है, जब इस बात की चर्चा है कि विधायक के बाद अब पार्टी के आधे से ज्यादा सांसद शिंदे गुट में शामिल हो सकते हैं। लोकसभा में शिवसेना के 19 सांसद हैं। विनायक राउत शिवसेना संसदीय दल के नेता हैं।
उधर एक अन्य घटनाक्रम में शिवसेना के उन 12 सांसदों को Y कैटेगरी की सुरक्षा दी गई है जिन्होंने कल लोकसभा अध्यक्ष को चिट्ठी लिखी थी। ये सुरक्षा कल रात से ही दी गई है। उनकी चिट्ठी पर अभी तक स्पीकर ने फैसला नहीं लिया है। 12 सांसदों के मुताबिक चीफ व्हिप भावना गवली ही हैं, क्योंकि उनकी जगह राजन विचारे को चीफ व्हिप बनाने की अर्जी पर स्पीकर ने कोई फैसला नहीं किया है। बागी गुट ने कहा है कि स्पीकर के फैसले के बाद शिवसेना का चुनाव चिन्ह तीर कमान पर दावा करेंगे।