Congress Attack on West Bengal CM Mamata Benerjee: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Benerjee) पर कांग्रेस ने नाराजगी जताई है। कांग्रेस (Congress) की इस नाराजगी के पीछे टीएमसी (TMC) के ट्विटर पोस्ट में फ्रीडम फाइटर्स (Freedom Fighters) की जारी की गई फोटो को लेकर कांग्रेस भड़क उठी है। ट्विटर पर पोस्ट की गई इस तस्वीर में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को जगह नहीं दी गई है। पश्चिम बंगाल की सरकार ने ट्विटर डिस्प्ले पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के कोलॉज की एक फोटो शेयर की। इस फोटो के कोलॉज में जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर नहीं थी, जिसके बाद कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जमकर फटकार लगाई है।

वहीं इसके बाद बंगाल कांग्रेस ने एक ऐसे व्यक्ति के ट्वीट को रीट्वीट किया, जिसकी बेटी ने भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा दिए गए भाषण में ‘ट्रिस्ट विद डेस्टिनी’ का स्केच बनाया था। ट्विटर यूजर अभिषेक बनर्जी ने लिखा, “मेरी बेटी ने पहले स्वतंत्रता दिवस के क्षण को चित्रित करके कुछ बुनियादी इतिहास के पाठ को याद दिलाने के लिए चुना!” इस ट्वीट को रीट्वीट करते हुए, कांग्रेस ने 14 अगस्त को ममता बनर्जी और अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के ट्विटर हैंडल को टैग करते हुए लिखा, “एक बच्चे से @MamataOfficial @AITCofficial के लिए इतिहास का पाठ। क्योंकि उन्होंने जानबूझकर पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को अपने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की फोटो के कोलॉज से हटा दिया था। आपकी स्वतंत्रता दिवस डीपी अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए।”

कर्नाटक में भी नेहरू का नाम गायब, कांग्रेस ने बोला हमला

इस बीच भारतीय स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में विभिन्न स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान पर प्रकाश डालते हुए स्वतंत्रता दिवस पर कर्नाटक राज्य के विज्ञापन में प्रकाशित स्वतंत्रता सेनानियों की सूची से जवाहरलाल नेहरू के नाम को हटाने से दक्षिणी राज्यों में हलचल मच गई। कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के नाम के बहिष्कार के लिए सवाल किया।

सिद्धारमैया ने जताई कड़ी आपत्ति

सिद्धारमैया ने ट्वीट्स की एक श्रृंखला में विज्ञापन में जवाहरलाल नेहरू की छवि को हटाने पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की। उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री से माफी की भी मांग की। सिद्धारमैया ने कहा,”आम लोगों के करों से बने विज्ञापन में स्वतंत्रता सेनानी जवाहरलाल नेहरू का अपमान करना असहनीय है। मुख्यमंत्री को नेहरू का अपमान करने के लिए राज्य के लोगों से माफी मांगनी चाहिए।” प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीरों वाला विज्ञापन राज्य सरकार द्वारा ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के हिस्से के रूप में मीडिया को दिया गया था।

कुर्सी बचाने के लिए एक सीएम कितना नीचे जा सकता हैः सिद्धारमैया

कांग्रेस नेता ने कहा,”सरकारी विज्ञापन में पंडित जवाहरलाल नेहरू को स्वतंत्रता सेनानियों की सूची में शामिल नहीं करना दिखाता है कि एक मुख्यमंत्री अपनी कुर्सी बचाने के लिए कितना नीचे जा सकता है।” सिद्धारमैया ने ट्वीट्स की एक श्रृंखला में विज्ञापन में जवाहरलाल नेहरू की छवि को हटाने पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की।

नेहरू ने स्वतंत्रता संग्राम में 9 साल जेल में बिताएः सिद्धारमैया

सिद्धारमैया ने कहा, “याद रखें कि नेहरू ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया और अपने जीवन के नौ साल जेल में बिताए। आपके सावरकर की तरह वो एक कायर नहीं थे जिन्होंने ब्रिटिश अधिकारियों से खुद को जेल से रिहा करने की गुहार लगाई थी। आरएसएस को नेहरू से एलर्जी है जिन्होंने RSS का विरोध किया था। सांप्रदायिक राजनीति और गांधी की हत्या के बाद उस पर प्रतिबंध लगा दिया था और धर्मनिरपेक्षता को बनाए रखने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। लेकिन श्रीमान बोम्मई इससे दिक्कत क्या है आपको?”