एनडीटीवी पर डिबेट के दौरान कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि क्यों अब तक बीजेपी ने दलित लड़की के रेप के मामले में कुछ नहीं कहा है? पीएम मोदी दिल्ली गैंग रेप पर तो बहुत बोला करते थे इस मामले पर चुप क्यों हैं? कई महिला कैबिनेट मंत्री दिल्ली हाट में खरीदारी करने में व्यस्त थीं लेकिन पीड़िता के परिवार के साथ कोई खड़ी नहीं हुईं?
कांग्रेस नेत्री ने कहा कि कानून यह भी कहता है कि अगर आप कोई भी जानकारी सार्वजनिक करते हैं तो आपको इसके लिए माता-पिता या अभिभावक की इजाजत लेनी होगी। बच्ची के माता-पिता ने चाहे विपक्ष हो या मीडिया, सभी से अपनी सहमति के साथ बातचीत की थी। बच्ची के माता-पिता सड़क पर बैठे इंसाफ की गुहार लगा रहे थे। नेत्री कहने लगीं कि अगर देश में किसी गरीब दलित लड़की के साथ गलत होता है तो देश के राजनेता चुप बैठे रहें। क्या विपक्ष पीड़ित बच्ची के माता-पिता के साथ खड़ा होकर न्याय नहीं मांग सकता है?
सुप्रिया श्रेनत ने कहा कि जब मोदी पीएम पद का चुनाव लड़ रहे थे तो उन्होंने दिल्ली गैंग रेप पीड़िता के माता-पिता के साथ तस्वीर खिंचाई थी। यही नहीं मोदी ने कहा था कि जब आप वोट डालने जाएं तो रेप पीड़िता का चेहरा याद रखें।
मालूम हो कि ट्विटर ने शनिवार को कहा कि कथित दुष्कर्म एवं हत्या मामले की पीड़िता बच्ची के परिवार से तस्वीरें उपयोग करने से संबंधित सहमति पत्र सौंपे जाने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का अकाउंट बहाल (अनलॉक) किया गया है, लेकिन इन तस्वीरों वाले ट्वीट को रोके (विथहोल्ड) रखा जाएगा क्योंकि ये भारतीय कानूनों का उल्लंघन करते हैं।
#TheBigFight | “Why has not a single member of the BJP party mentioned or even spoken about the Dalit girl”: @SupriyaShrinate, spokesperson, Congress pic.twitter.com/1D53yP5JLS
— NDTV (@ndtv) August 13, 2021
कुछ दिनों पहले ही दिल्ली में कथित दुष्कर्म एवं हत्या की पीड़िता नौ वर्षीय बच्ची के माता-पिता से मुलाकात की तस्वीर साझा करने को लेकर ट्विटर ने राहुल गांधी, कांग्रेस और पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के ट्विटर अकाउंट बंद (लॉक) कर दिये थे। अब ये अकाउंट बहाल कर दिये गये हैं, लेकिन वो तस्वीरें अब नहीं दिख रही हैं जिनको पोस्ट करने लेकर विवाद खड़ा हुआ।
ट्विटर के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘अपील की प्रक्रिया के तहत, राहुल गांधी के ट्विटर हैंडल द्वारा हमारे ‘इंडिया ग्रिवांस चैनल’ (भारत में शिकायत का चैनल) के माध्यम से तस्वीरों के इस्तेमाल को लेकर सहमति/अधिकृत करने का एक पत्र सौंपा गया है।’’