बिहार चुनाव के लिए पहले चरण के मतदान के लिए चंद ही घंटों का समय बचा है। इस चरण की सीटों में 19 सीट ऐसी हैं, जहां राजग और महागठबंधन के बीच इस बार कांटे का मुकाबला है। दोनों ही गठबंधनों ने अनुसूचित वर्गों को लुभाने के लिए दांव चले हैं। हालांकि दलित समुदाय की वकालत करने वाली पार्टियां राजग खेमे में ज्यादा है, लेकिन राजद व कांग्रेस ने भी इस वर्ग को साधने के लिए खास रणनीति बनाई है। इस चरण के दायरे में आने वाली अनुसूचित सीटों में बीते चुनाव में तीर कमान ने जीती थी, जबकि दूसरे नंबर पर लालटेन थी।
2020 के चुनाव में सभी 19 सीट का आंकलन बताता है कि इन सीट में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का चार सीट, जद (एकी) का छह सीट, सीपीआइ (एमएल) तीन, कांग्रेस दो, भाजपा दो और सीपीआइ- वीएसआइपी का एक- एक सीट पर कब्जा था। सीटों के समीकरण को लेकर जब बिहार के कांग्रेस नेता अभय दुबे से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि महागठबंधन ने इस सीट के लिए विशेषतौर पर कार्य योजना तैयार की है और इसे अपने दस प्रमुख बिंदुओं में शामिल किया
आरक्षण की दीवार गिराने की तैयारी
पार्टी की सरकार बनने पर राज्य में 50 फीसद आरक्षण की दीवार को गिराया जाएगा ओर स्थानीय निकाय में आरक्षण की दिशा में काम किया जाएगा। इसके अतिरिक्त जातिगत जनगणना करा दलित समाज को चिह्नित कर उसका सशक्तिकरण किया जाएगा।
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पहले चरण में कुल 121 सीट के लिए मतदान होना है। इन सीट में 102 सामान्य सीट और 19 आरक्षित श्रेणी की सीट हैं। इन 19 सीट के लिए निर्वाचन आयोग के पास 311 उम्मीदवारों ने नामांकन दर्ज कराया था और इन नामांकन में से 35 नामांकन अमान्य पाए गए थे। चुनाव आयोग के आंकड़े के मुताबिक इस चरण की सभी आरक्षित सीटों में से सबसे ज्यादा खींचतान वाली सीट में राजापाकर सीट शामिल हैं।
महागठबंधन के खाते में है सीट
इस सीट पर वर्तमान में कांग्रेस का कब्जा है और यहां पर 2020 के चुनाव में राजद पार्टी दूसरे नंबर की पार्टी थी। जबकि इस सीट पर 2015 के चुनाव में राजद का कब्जा रहा है लेकिन दिलचस्प बात यह है कि उस दौरान सीट के समीकरण के अनुसार भाजपा दूसरे नंबर की पार्टी रही है। इस वजह से इस सीट के चुनावी समीकरण अधिक खींचतान वाले रहे हैं। यह खींचतान और बढ़ने वाली है क्योंकि इस सीट पर कुल 14 उम्मीदवार मैदान में हैं।
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इस सीट के बाद सबसे अधिक उम्मीदवार वाली सीट में गरखा विधानसभा क्षेत्र शामिल है। इस सीट पर लगातार दो बार से राजद का कब्जा रहा है।
