राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता शरद पवार ने चुनाव आयोग और दूसरी संवैधानिक संस्थाओं के कामकाज पर कड़ी नाराजगी जताते हुए इसे निरंकुश और तानाशाही वाला रवैया बताया है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग और दूसरी संस्थाएं वही फैसले दे रही हैं जो सत्ताधारी दल चाहता है। हाल ही में महाराष्ट्र में शिवसेना का नाम और चुनाव चिह्न एकनाथ शिंदे गुट को देने के फैसले पर उन्होंने कहा कि बालासाहेब ठाकरे ने अपने अंतिम दिनों में कहा था कि उनके बाद उद्धव ठाकरे को शिवसेना की जिम्मेदारी दी जाएगी।
हाल ही में चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे के पक्ष में दिया था फैसला
शरद पवार ने कहा, “आज मोदी के नेतृत्व में काम करने वाली संस्थाएं यह मानती हैं कि वे सत्ता अपने हाथ में रखेंगी।” शिवसेना में विभाजन के बाद सीएम एकनाथ शिंदे वाले गुट के पक्ष में पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न देने के चुनाव आयोग के फैसले पर उन्होंने सख्त एतराज जताया। चुनाव आयोग ने बीते शुक्रवार को एकनाथ शिंदे गुट को शिवसेना के तौर पर अधिकृत किया था। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले दल के पास ही पार्टी का चुनाव चिन्ह धनुष और बाण रहेंगे।
ECI के फैसले को राजनीतिक दलों पर हमला करार दिया
उन्होंने चुनाव आयोग के फैसले पर कहा कि यह एक उदाहरण है कि कैसे एक संस्था का दुरुपयोग किया जा सकता है। हमने चुनाव आयोग का ऐसा फैसला कभी नहीं देखा। एनसीपी सुप्रीमो ने कहा, “किसी ने चुनाव आयोग से शिकायत की और चुनाव आयोग ने फैसला सुना दिया। इस पार्टी को बनाने वालों के बजाए किसी और को शिवसेना और उसका चिन्ह आवंटित कर दिया। राजनीतिक दलों पर यह बड़ा हमला है।”
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को वास्तविक शिवसेना मानने के चुनाव आयोग के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। शीर्ष न्यायालय ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाले समूह को नोटिस जारी किया।
चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने ठाकरे की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की दलीलों पर गौर करते हुए महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट से जवाब मांगा। शिंदे गुट के वकील ने कहा कि वह इस बीच ठाकरे गुट के विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए कोई व्हिप जारी नहीं करेगा।