पंजाब कांग्रेस के भीतर की उठापटक खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। नवजोत सिंह सिद्धू, पंबाज प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बनने के बावजूद खुदकर को असहाय मान रहे हैं। इस बार उनकी शिकायत अपनी कम होती ताकतों को लेकर है। शनिवार को एक रैली को संबोधित करते हुए क्रिकेटर ने नेता बने सिद्धू ने यहां तक कह दिया कि वह एक ‘शक्तिहीन’ अध्यक्ष हैं। उन्होंने अपनी ही सरकार पर एक बार फिर से निशाना साधते हुए ये कहा था कि मैं सिर्फ नाम का अध्यक्ष हूं। मैं महासचिवों तक की नियुक्ति नहीं कर पा रहा हूं।
सिद्धू के इस बयान से अटकलें लगाई जा रही हैं कि लगातार पार्टी लाइन से इतर चलने के कारण कांग्रेस हाईकमान ने उनके पर कतर दिए हैं। बताते चलें कि सिद्धू का यह बयान 22 जिला संयोजकों की लिस्ट खारिज होने के बाद सामने आई है। दरअसल इस लिस्ट के चलते पार्टी के अंदर की तनातनी एक बार फिर सतह पर नजर आने लगी थी। इस लिस्ट में सिद्धू ने उन नेताओं के नाम हटा दिए थे, जिन्हें पूर्व पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने नियुक्त किया था।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अलग-अलग विधानसभा चुनाव समितियों में नवजोत सिद्धू की अनदेखी के बाद अब पार्टी आलाकमान ने 22 जिला संयोजकों की लिस्ट जारी की है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जिला संयोजकों को सिद्धू से सलाह लिए बिना ही नियुक्ति किया गया था।
पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी ने पिछले मंगलवार को जिला संयोजकों की लिस्ट जारी करते हुए, उन्हें तत्काल प्रभाव से काम में जुटने को कहा था। इन संयोजकों को पार्टी के सीनियर नेताओं और विधायकों के साथ भी तालमेल मिलाते हुए काम करने को कहा गया है।
ऐसा कहा जाता है कि सिद्धू ने जिस तरीके से सुनील जाखड़ की ओर से बनाए गए जिलाध्यक्षों को हटाया था, उससे जाखड़ बेहद नाराज थे और उन्होंने यह मुद्दा कांग्रेस आलाकमान के सामने भी उठाया था। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स का दावा है कि जाखड़ ने इस मामले को लेकर राहुल गांधी से भी चर्चा की थी और सिद्धू रवैये पर सवाल उठाए थे।