भाजपा नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने शुक्रवार (30 अगस्त) को कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के वकील द्वारा नेशनल हेराल्ड मामले में जिरह के दौरान हिंदी में सवाल पूछे जाने पर आपत्ति जताई और कहा कि वह एक ‘तमिल’ हैं। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटिन मजिस्ट्रेट समर विशाल की अदालत में मामले के शिकायतकर्ता भाजपा नेता से जिरह के दौरान स्वामी और सोनिया गांधी की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता आरएस चीमा के बीच यह बातचीत हुई।

अंग्रेजी और हिंदी दोनों ही अदालत की भाषाएंः यह पूछे जाने पर, ‘‘डॉक्टर स्वामी जिस सड़क पर इंडियन एक्सप्रेस बिल्डिंग बना….’’, स्वामी ने कहा, ‘‘कृपया अंग्रेजी में बोले। आपको याद होना चाहिए कि मैं एक तमिल हूं। अंग्रेजी अदालत की भाषा है।’’ हालांकि, इससे पहले की बहस बढ़ती, न्यायाधीश ने हस्तक्षेप करते हुए कहा, ‘‘अंग्रेजी और हिंदी दोनों ही अदालत की भाषाएं हैं।’’

हिंदी के इस्तेमाल से बचते दिखेः इस पर सुब्रमण्यन स्वामी ने कहा कि वह सिर्फ संस्कृतनिष्ठ हिंदी समझते हैं न कि उर्दू मिश्रित हिंदी। इसके बाद चीमा हालांकि स्वामी से जिरह के दौरान हिंदी के इस्तेमाल से बचते दिखे। जिरह के दौरान स्वामी ने अदालत को बताया कि कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी धोखेबाज थे जबकि कांग्रेस कार्यकर्ता धोखाधड़ी के शिकार थे।

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सुब्रमण्यन स्वामी ने धोखाधड़ी का लगाया आरोपः स्वामी ने अपनी शिकायत में गांधी और अन्य पर महज 50 लाख रुपए देकर धोखाधड़ी और रुपए की हेरफेर का आरोप लगाया। इस रकम के जरिए यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने असोसिएट जर्नल्स लिमिटेड से कांग्रेस के बकाये 90.25 करोड़ रुपए हासिल करने का अधिकार प्राप्त किया। जिरह के दौरान स्वामी ने अदालत को बताया कि कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी धोखेबाज थे जबकि कांग्रेस कार्यकर्ता धोखाधड़ी के शिकार थे। वरिष्ठ अधिवक्ता आर एस चीमा ने कहा कि स्वामी ने कभी दावा नहीं किया कि कांग्रेस पार्टी आरोपियों द्वारा की गई धोखाधड़ी का शिकार थी।भाजपा नेता ने कहा, “यंग इंडिया के प्रमुख अंशधारक कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी भी हैं। फंड जुटाने वाले कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ धोखा हुआ है। कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता धोखाधड़ी के पीड़ित हैं और पदाधिकारी धोखा देने वाले।”