कलकत्ता हाई कोर्ट ने नारद के समाचार संपादक मैथ्यू सैम्युअल को उस स्टिंग ऑपरेशन का टेप और रिकॉर्डिंग में इस्तेमाल उपकरण तीन सदस्यीय समिति को सौंपने का निर्देश दिया है, जिसमें तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को कथित रूप से धन लेते हुए दिखाया गया है। तीन सदस्यीय समिति का गठन सोमवार अदालत ने किया है।

अदालत के पीठ ने इससे पूर्व वेबपोर्टल नारद न्यूज को चलाने वाली कंपनी के ब्यौरे के साथ सैम्युअल को टेप और उपकरण को अदालत के हवाले करने को कहा था। इस वेब पोर्टल ने कथित रूप से कई टीएमसी नेताओं के बारे में एक स्टिंग आॅपरेशन किया था जिनमें कई मंत्री और सांसद शामिल थे।

सैम्युअल ने हालांकि अपने हलफनामे में कहा था कि वह अदालत के निर्देशानुसार टेप को किसी भी प्राधिकार या व्यक्ति को सौंप देंगे क्योंकि उन्हें शहर में अपनी जान और संपत्ति को खतरा है। मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लुर और न्यायाधीश ए बनर्जी के खंडपीठ ने सोमवार ऐलान किया कि एक समिति का गठन किया जाएगा जिसमें कलकत्ता हाई कोर्ट के महापंजीयक, कोलकाता में सीबीआइ के डीआइजी और पश्चिम बंगाल पुलिस के आइजी स्तर के अधिकारी शामिल होंगे जो टेप और उपकरण को हासिल कर उन्हें अदालत को सौंपेंगे ।

पीठ ने सोमवार (11 अप्रैल) यह निर्देश देते हुए कहा,‘यदि सूचना सही है तो इस मामले के पूरी व्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ेंगे। हम महसूस करते हैं कि न्याय करने के लिए वीडियो टेप और उपकरण को सुरक्षित स्थान पर रखा जाए।’ सैम्युअल के हलफनामे का संज्ञान लेते हुए अदालत ने निर्देश दिया कि सैम्युअल दिल्ली में समिति के सदस्यों को मूल वीडियो टेप और उपकरण सौंपेंगे।

पीठ ने निर्देश दिया कि समिति उस जगह और समय का निर्धारण करेगी जहां टेप सौंपे जाएंगे। समिति सदस्य टेपों और उपकरणों को प्राप्त करेंगे तथा इन्हें अदालत को सौंपेंगे। अदालत ने पश्चिम बंगाल पुलिस के डीजीपी को निर्देश दिया कि वह एक आइजी रैंक के अधिकारी को नामित करे और मंगलवार तक उनका नाम अदालत को बताया जाए। नारद न्यूज द्वारा हाल ही में इन टेपों को जारी किया गया था। इसके बाद तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए तीन जनहित याचिकाएं दाखिल की गई थीं। स्टिंग वीडियो में इन नेताओं को कथित रूप से कोई लाभ पहुंचाने के बदले में धन लेते दिखाया गया है।

* इस स्टिंग ऑपरेशन में तृणमूल कांग्रेस नेताओं को कथित तौर पर धन लेते दिखाया गया था