महाराष्ट्र के नागपुर में सोमवार को औरंगजेब की कब्र को लेकर उठे विवाद के बाद हिंसा भड़क उठी थी। जिसके बाद दंगा प्रभावित इलाकों में पुलिस आयुक्त के नेतृत्व में दल ने मंगलवार को रूट मार्च किया। पुलिस आयुक्त रविन्द्र सिंघल ने बताया कि पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि हिंसा कैसे शुरू हुई और कुछ लोगों ने अचानक इसे कैसे भड़काया। तीन किलोमीटर के दायरे में फैले हुए हिंसा प्रभावित सभी इलाकों में कर्फ्यू लगा हुआ है। इस बीच पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने नागपुर घटना पर बजरंग दल और VHP को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने दोनों संस्थाओं को दंगाई कहा।
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए नागपुर घटना पर पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने कहा, “बजरंग दल या विश्व हिंदू परिषद दंगाई हैं, संविधान विरोधी, देश विरोधी, इंसान विरोधी, मानवता विरोधी हैं। इन लोगों पर आजीवन प्रतिबंध लगना चाहिए। जो संविधान से ऊपर हो जाए और गीता, कुरान, बाइबिल की आध्यात्मिकता और उदारवादी मानवीय मूल्यों के इतर हो जाए, ऐसी संस्था और ऐसे लोगों की जगह जेल में या श्मशान में होनी चाहिए। देश की संप्रभुता, संस्कृति और आध्यात्मिकता से कोई समझौता नहीं करना चाहिए।” सांसद ने कहा कि इन सभी को सरकार से संरक्षण मिलता है।
वहीं, नागपुर घटना में बजरंग दल और VHP पर FIR दर्ज होने पर सपा सांसद राम गोपाल यादव ने कहा, “जो लोग दंगे कराएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। अगर ऐसा हुआ है तो सरकार निष्पक्ष काम कर रही है।”
ऐसा लगता है कि हिंसा सुनियोजित थी- देवेंद्र फडणवीस
इससे पहले मंगलवार को नागपुर हिंसा को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि ऐसा लगता है कि यह हिंसा सुनियोजित थी। विधानसभा में इस मुद्दे पर बोलते हुए सीएम फडणवीस ने कहा था, “पुलिस पर हमले को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने प्रदर्शन किया, जिसके बाद अफवाह फैली कि धार्मिक सामग्री को जलाया गया। ऐसा लगता है कि यह सुनियोजित हिंसा थी लेकिन किसी को भी कानून को अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं है।” मुख्यमंत्री ने कहा कि छावा फिल्म ने लोगों के औरंगजेब के खिलाफ गुस्से को भड़काया है लेकिन सभी को राज्य में शांति बनाए रखनी चाहिए।
नागपुर में क्यों भड़की हिंसा?
सोमवार शाम को मध्य नागपुर में हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें पुलिस पर पथराव किया गया। यह अफवाह फैली थी कि छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए एक दक्षिणपंथी संगठन द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन के दौरान पवित्र पुस्तक को जलाया गया था। जिसके बाद पुलिस आयुक्त रविंद्र सिंघल ने मंगलवार को बताया कि नागपुर शहर में हुई हिंसा के सिलसिले में 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है और पांच FIR दर्ज की गई हैं। पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स