Satyendar Jain: आम आदमी पार्टी के सत्येंद्र जैन ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपने ऊपर लगे आरोपों पर कहा कि मेरी गलती है कि मैं मंत्री बन गया, नहीं तो कोई मामला नहीं होता। 5 नवंबर 2022 को दिल्ली की अदालत के विशेष न्यायाधीश सत्येंद्र जैन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत याचिका पर ईडी की दलीलें सुनेंगे।

आप नेता सत्येंद्र जैन ने अपने खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में दिल्ली की एक अदालत के समक्ष अपनी जमानत के लिए दलीलें पेश करते हुए कहा कि उनकी एकमात्र गलती यह थी कि वह एक मंत्री बने और सार्वजनिक जीवन में आ गए वरना उन पर कोई मामला नहीं होता। जैन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एन हरिहरन पेश हुए जिन्होंने राउज एवेन्यू कोर्ट में विशेष न्यायाधीश विकास ढुल के समक्ष दलील दी। जज 5 नवंबर को जमानत याचिका पर ईडी की दलीलें सुनेंगे।

जमानत के लिए पेश की दलीलें: एन हरिहरन ने अपनी दलीलें पेश करते हुए कहा कि आप नेता की पहली जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी क्योंकि मामला जांच में था और शिकायत अभी तक दर्ज नहीं की गई थी। हालांकि, अब जमानत खारिज होने का मतलब नहीं है।” उन्होंने पिछले जमानत आदेश के बारे में भी अदालत को अवगत कराया, जिसमें सत्येंद्र जैन को गवाहों के लिए खतरा नहीं बताया गया था क्योंकि उनके बयान पहले ही दर्ज किए गए थे।

सत्येंद्र जैन के वकील ने उनकी तरफ से अदालत में कहा, “निष्पक्ष सुनवाई का अर्थ जमानत देने के साथ है। मैं लंबे समय से कैद में हूं और इससे किसी उद्देश्य की पूर्ति नहीं होगी। निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार लंबे समय तक जेल में रहने से प्रभावित होता है।”

पूरा मामला गलत धारणाओं पर आधारित: हरिहरन ने कहा कि उनका मुवक्किल उन किसी भी कंपनी में न तो निदेशक और न ही शेयरधारक था, जिसकी जांच चल रही थी। उन्होंने अदालत को बताया, “चार कंपनियां हैं। पूरा मामला दो गलत धारणाओं पर आधारित है। यह शेयरों के काल्पनिक मूल्य पर आधारित है। कोई अपराध काल्पनिक मूल्य पर नहीं हो सकता। ये मूल्य परिवर्तनीय हैं। ” वरिष्ठ वकील ने तर्क दिया कि इस काल्पनिक मूल्य को भी गलत तरीके से पेश किया गया था।