Bihar Politics: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के एक बयान से बिहार का सियासी पारा हाई है। एनडीए के नेताओं ने तो तेजस्वी यादव पर हमला बोला था। इसके बाद अब राज्यभर में लालू और तेजस्वी यादव के विवादित पोस्टर भी लगे हुए नजर आए हैं। इसमें आरजेडी चीफ लालू यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव को भैंस पर बैठा हुआ दिखाया गया है और कैप्शन दिया गया है, ‘मेरा बाप चारा चोर… मुझे वोट दो।’ हालांकि, बाद में नगर निगम ने विवादित पोस्टर को हटा दिया। यह पोस्टर किसने लगाए हैं इस बात की जानकारी सामने नहीं आई है।

पीएम नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पर तेजस्वी यादव के बयान पर बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने पलटवार करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की सभा में भीड़ देखकर लालू प्रसाद का पूरा परिवार हताश और निराश हो चुका है। तेजस्वी यादव जिस प्रकार का बयान दे रहे हैं उससे अमिताभ बच्चन की एक फिल्म की याद आ रही है। समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में सम्राट चौधरी ने कहा, ‘बिहार में चारा चोरी हो गया। अमिताभ बच्चन की एक फिल्म है जिसमें उनके हाथ पर ‘मेरा बाप चोर है’ लिखा है। तेजस्वी यादव को भी यही लिखना होगा।’

तेजस्वी यादव ने अपने बयान में क्या कहा था?

पटना में आरजेडी के ऑफिस में प्रदेश अध्यक्ष की मौजूदगी प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि हमें पॉकेट मार पीएम नहीं चाहिए। वह इतने पर ही नहीं रूके उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी तंज कसा और कहा कि हमें अचेत सीएम की भी जरूरत नहीं हैं। नेता प्रतिपक्ष ने प्रधानमंत्री के भाषण को घिसा-पिटा और टेलीप्रॉम्पटर आधारित बताया।

चुनाव से पहले CM नीतीश का मास्टरस्ट्रोक

राजद नेता तेजस्वी यादव ने तीखा पलटवार करते हुए दावा किया कि न तो प्रधानमंत्री मोदी और न ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सच्चे जन नेता हैं। तेजस्वी ने शुक्रवार को आरोप लगाया, ‘भीड़ जुटाने के लिए प्रशासन को लगाया गया था। लोगों को जबरदस्ती लाया गया है।’ आरजेडी नेता ने कहा, ‘क्या 2005 से पहले भी ऐसा होता था, जब अधिकारियों का एकमात्र काम भीड़ इकट्ठा करना था? पीएम मोदी या सीएम नीतीश कुमार जन नेता नहीं हैं। अगर लालू सड़क पर खड़े हो जाएं तो लाखों लोग इकट्ठा हो जाएंगे।’ तेजस्वी ने बीजेपी पर भीड़ जुटाने के लिए सरकारी मशीनरी और सार्वजनिक धन का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘वे इतने दिनों से बिहार सरकार का पैसा खर्च कर रहे हैं, फिर भी भीड़ नहीं जुट रही है। इसलिए अधिकारियों को तैनात किया गया। यह सच्चाई है।’ बीजेपी की मजबूरी और CM दोनों रहेंगे नीतीश कुमार