Munger Assembly Election Result 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की मतगणना शुरू हो चुकी है और काउंटिंग के करीब 2 घंटे बीत जाने के बाद मुंगेर सीट की स्थिति ऐसी है कि यहां से भाजपा के उम्मीदवार कुमार प्रणय आगे चल रहे हैं। उनके पास 2 हजार वोटों की बढ़त है। इस सीट पर सियासी समीकरण इतने पेचीदा बन चुके हैं कि किसी भी दल के लिए यह सीट आसान नहीं दिख रही। महागठबंधन जहां अपने पारंपरिक वोट बैंक को बचाने की जद्दोजहद में है। वहीं AIMIM और जनसुराज पार्टी दोनों ने मैदान में उतरकर मुकाबले को चौतरफा बना दिया है।
गंगा किनारे बसा मुंगेर, इतिहास और आस्था दोनों से जुड़ा इलाका है। इसे “योग नगरी” और “हथियारों का गढ़” दोनों नामों से जाना जाता है। बिहार की राजनीति में भी इसका प्रभाव हमेशा से रहा है। 1952 के पहले विधानसभा चुनाव में अविभाजित मुंगेर से 24 विधायक चुने गए थे और खड़गपुर से निर्वाचित श्रीकृष्ण सिंह राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने थे। भले ही समय के साथ मुंगेर का भूगोल बदला हो, लेकिन 165-मुंगेर विधानसभा सीट आज भी अपनी राजनीतिक अहमियत के कारण सुर्खियों में है।
मुंगेर विधानसभा चुनाव परिणाम 2025
| पार्टी | उम्मीदवार | वोट |
| आरजेडी | अविनाश विद्यार्थी | |
| बीजेपी | कुमार प्रणय | |
| जन सुराज | संजय कुमार सिंह |
विधानसभा चुनाव 2020 का हाल
| क्रम संख्या | उम्मीदवार | पार्टी | वोट |
| 1 | प्रणव कुमार | भारतीय जनता पार्टी | 75573 |
| 2 | अविनाश कुमार विद्यार्थी | राष्ट्रीय जनता दल (RJD) | 74329 |
| 3 | शालिनी कुमारी | निर्दलीय | 4497 |
इस बार मुकाबला कई स्तरों पर दिलचस्प हो गया है। एनडीए ने बड़ा दांव चलते हुए मौजूदा विधायक प्रणव यादव का टिकट काटकर पार्टी के युवा नेता कुमार प्रणय पर भरोसा जताया है। दूसरी ओर, महागठबंधन ने राजद से अविनाश विद्यार्थी को मौका दिया है। अब दोनों ही दल नई रणनीति और पुरानी साख के सहारे मैदान में हैं।
विधानसभा चुनाव 2015 का हाल
| क्रम संख्या | उम्मीदवार | पार्टी | वोट |
| 1 | विजय कुमार ”विजय” | राष्ट्रीय जनता दल (RJD) | 77216 |
| 2 | प्रणव कुमार | भारतीय जनता पार्टी | 72851 |
| 3 | सुबोध वर्मा | निर्दलीय | 4008 |
सियासी गणित को और उलझा दिया है दो नए खिलाड़ियों ने — मोनाजिर हसन, जो पहले जदयू और राजद दोनों में मंत्री रह चुके हैं, अब AIMIM के टिकट पर उतरकर मुस्लिम वोट बैंक को साधने की कोशिश में हैं। वहीं, जनसुराज पार्टी से संजय सिंह, जो जिला परिषद सदस्य हैं, ने एनडीए के वोट बैंक में सेंध लगाने की रणनीति अपनाई है। इस चौकोर मुकाबले ने मुंगेर की जंग को पूरी तरह अप्रत्याशित बना दिया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि 14 नवंबर को जब EVM की बटन दबेगी, तो मतों की बरसात किसके सिर विजय मुकुट बनकर सजेगी — पुराने दिग्गजों के, नए चेहरों के या फिर नए गठबंधनों के।
