समाजवादी पार्टी के संस्थापक और पूर्व यूपी सीएम मुलायम सिंह यादव के निधन से हर कोई दुखी है। मशहूर शायर मुनव्वर राना भी नेताजी के निधन से बेहद दुखी हैं। ऐसे समय में वह नेताजी के साथ अपने कुछ पुराने किस्से याद कर रहे हैं। उन्होंने अखिलेश यादव के लिए एक शेर का जिक्र करते हुए बताया कि जब शायर ने यह शेर नेताजी को सुनाया था तो उन्होंने कहा था कि वह भी अखिलेश को यही समझाते हैं।
मुनव्वर ने नेताजी के साथ अपने संबंधों के बारे में बताया कि वह अक्सर राना को मिलने के लिए बुलाते रहते थे और बिना किसी परमिशन के उन्हें सीधा मुलायम के पास भेज दिया जाता था। उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव को ज्यादा शायरी समझ नहीं आती थी, लेकिन उनकी मोहब्बत में वह शायरी भी सुनने लगे थे। मुनव्वर राना की इन बातों से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनके नेताजी के साथ रिश्ते काफी ज्यादा अच्छे थे।
मुनव्वर राना ने नेताजी के साथ अपनी पहली मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा कि 30-32 साल पहले इटावा के एक मुशायरे में वह दोनों मिले थे। उन्होंने कहा, “वो जमाना बलराम सिंह यादव का हुआ करता था। मुलायम साहब एमएलए थे, तब से हमारी उनसे मुलाकातें थीं। वह अक्सर हमको बुलवाते थे और हम जाते थे। वह हमसे मिलकर बहुत खुश होते थे। कोई दुख या सुख होता था खुद बयां करते थे वो बहुत दिलचस्प होता था और हमारे भी दुख-सुख सुनते थे।”
उन्होंने एक किस्सा याद करते हुए कहा कि वह एक बार अपने बेटे परवेज के साथ नेताजी से मिलने गए। 15 मिनट बाद नेताजी आए और उन्होंने कहा कि राना जी क्षमा कीजिएगा, हमारी पीठ में बहुत दर्द था। इस वजह से बहुत देर से उठा। राना ने आगे कहा, “मैंने उनको एक शेर सुनाया और कहा कि आप समझलीजिए कि यह आपकी तरफ से आपके मुख्यमंत्री बेटे के लिए है।”
मुनव्वर का वह शेर था- “हम अभी हैं तो हुनर हमसे हमारे ले लो, वरना हम भी किसी दीवार से लगे रहेंगे।” यह किस्सा याद करते हुए मुनव्वर ने बताया, “यह शेर सुनकर नेताजी भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि हम यह बात उसे समझाते हैं कि जब तक हम जिंदा हैं हमसे सीख लो कुछ फैसला करते वक्त।” मुनव्वर राना नेताजी के निधन पर काफी दुखी हैं और उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में पिछले 10 सालों में सबसे बड़ा आदमी दुनिया से गया है।